प्रेमा के पति सेल्वन ईंट-भट्टा मजदूर थे. उन्होंने अपने परिवार की रोज-मर्रा की जरूरतों के लिए कर्ज ले रखा था. उन पर 2 लाख रुपये का कर्ज था. प्रेमा भी ईंट-भट्टा में मजदूरी का काम करती है. प्रेमा के पास जो भी पैसे थे, वो खत्म हो चुके थे. इसके बाद उसने दोस्तों और रिश्तेदारों से मदद मांगी, लेकिन किसी से कोई मदद नहीं मिली.
इस दौरान एक आदमी ने प्रेमा से कहा कि अगर वो अपने सिर के बाल काटकर उसे दे दे, तो वह उसे पैसे दे सकता है. यह व्यक्ति प्रेमा के बालों से टोपी बनवाना चाहता था. इसके बाद प्रेमा ने अपने बाल 150 रुपये में बेच दिए. प्रेमा ने इन पैसों से अपने भूखे तीनों बच्चों को खाना खिलाया. कर्ज के बोझ से दबी प्रेमा ने भी अपने पति सेल्वन की तरह आत्महत्या करने की सोची थी, लेकिन तभी उसको आशा की किरण दिखी.
यह बात जब जी बाला नाम के ग्राफिक डिजाइनर को पता चली, तो उन्होंने सोशल मीडिया पर इसको शेयर कर दिया. इसके बाद सोशल मीडिया पर लोग प्रेमा और उसके बच्चों की मदद के लिए आगे आए. क्राउड फंडिंग के जरिए मदद मिलने लगी और लोग प्रेमा व उसके बच्चों के लिए पैसे भेजने लगे. इस खबर के लिखे जाने तक प्रेमा और उसके बच्चों के लिए एक लाख 45 हजार रुपये की आर्थिक मदद आ चुकी है. इसके अलावा जिला प्रशासन ने प्रेमा की विधवा पेंशन को भी मंजूरी दे दी है.
शालिनी मारिया लोबो