स्पेलिंग की गलती और NRC से बाहर बेटियों के नाम, मां बोली- अब करूंगी खुदकुशी

क्या मैं बांग्लादेशी हूं? मुझे क्या अब आत्महत्या कर लेनी चाहिए? मेरी तो अब दुनिया ही खत्म हो गई है... आंखों में आंसू लिए ये सवाल 45 साल की मीना हजारिका के हैं.

Advertisement
मीना हजारिका (Source: मनोज्ञा लोइवाल) मीना हजारिका (Source: मनोज्ञा लोइवाल)

मनोज्ञा लोइवाल

  • गुवाहाटी,
  • 01 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 8:01 PM IST

  • मीना की दोनों बेटियों, बर्नाली और मीठू के नाम स्पेलिंग एरर के कारण लिस्ट से बाहर हो गए
  • मीना अपने पति से अलग रहती हैं और सुनवाई में होने वाले खर्चों को और नहीं झेल सकतीं
  • मीना की दोनों बेटियों के नाम एनआरसी की फाइनल लिस्ट में नहीं हैं

क्या मैं बांग्लादेशी हूं? मुझे क्या अब आत्महत्या कर लेनी चाहिए? मेरी तो अब दुनिया ही खत्म हो गई है... आंखों में आंसू लिए ये सवाल 45 साल की मीना हजारिका के हैं. गुवाहाटी के मालेगांव रेलवे इलाके में स्थित एक एनआरसी केंद्र पर मीना, आंसुओं को बहने से रोक नहीं सकीं. मीना की दोनों बेटियों के नाम एनआरसी की फाइनल लिस्ट में नहीं हैं. बीते एक साल से मीना लिस्ट में अपनी बेटियों के नाम जुड़वाने की जद्दो-जहद में लगी हैं.

Advertisement

मीना की दोनों बेटियों, बर्नाली और मीठू के नाम स्पेलिंग एरर के कारण लिस्ट से बाहर हो गए. दो बार सुनवाई के बावजूद भी कोई फायदा नहीं हुआ. मीना अपने पति से अलग रहती हैं और सुनवाई में होने वाले खर्चों को और नहीं झेल सकतीं. वह लंबे समय तक बीमार भी रहीं और अब एनआरसी से परेशान हैं.  

मीना ने बताया, "पहली और दूसरी लिस्ट में मेरा नाम था लेकिन फिर मेरी बेटियों ने नाम एक्सक्लूजन लिस्ट में आ गए. मेरी समझ नहीं आ रहा कि अब क्या करूं. मैं यहां पर आजादी के समय से भी पहले से रह रही हूं. मेरे पास अब कहने के लिए कुछ नहीं है. वह 7 तारीख तक रुकने के लिए कह रहे हैं. क्या मैं कोई बांग्लादेशी हूं? मैं आत्महत्या कर लूंगी... अब तो ऐसा लगता है कि यही एक आखिरी रास्ता बचा है."

Advertisement

उन्होंने आगे कहा, "इन नेताओं के लिए हम महज कीड़े-मकोड़े बनकर रह गए हैं और सरकार जब जिसे चाहे कुचल रही है. मैं दिवालिया हो चुकी हूं, इससे तो बेहतर है कि मैं मर ही जाऊं." वहीं मीना अकेली नहीं हैं जो इस तरह की परेशानी का सामना कर रही हैं. 27 साल की स्वाति सिंह, अपना और अपनी मां का नाम एनआरसी में जुड़वाने की कोशिश में लगी हैं.स्वाति ने कहा, "मैंने मार्च में रिक्वेस्ट की थी लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ है. सरकार हमको परेशान कर रही है. सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में देखना चाहिए."

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement