संघ प्रमुख मोहन भागवत के सेना को लेकर बयान पर उठे विवाद पर संघ ने सफाई दी है. RSS के प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने कहा कि राहुल गांधी अनावश्यक राजनीति कर रहे हैं. मोहन भागवत ने सेना की स्वयंसेवक से नहीं की है.
वैद्य ने कहा कि मोहन भागवत ने सेना को तैयार होने की बात नहीं कही है. बल्कि सेना के साथ खड़े होकर लड़ने के लिए नागरिकों की एडिशनल सेना तैयार करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि नागरिकों में से सेना को तैयार करने में 6 महीने का समय लग सकता है.
उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक जो कवायत करते हैं उनमें एक अनुशासन होता है. इसलिए स्वयंसेवकों में से सेना को तैयार होने में 3 दिन लगते हैं. ऐसे में सेना की तुलना का कोई सवाल ही नहीं है. ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए भारतीय सेना हमेशा तत्पर रहती है.
देश की रक्षा के लिए स्वयंसेवकों ने भारतीय सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपनी जान खतरे में डालकर सेना की सहायता की है, उनकी मदद की है. सेना के अधिकारियों ने भी इसकी सराहना की है.
राहुल गांधी के बयान पर मनमोहन वैद्य ने कहा कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने सेना की तुलना नहीं की है, उनका बयान बुनियाद है, वो अनावश्यक राजनीति कर रहे हैं. देश की सेना को लेकर लोगों को राजनीति नहीं करनी चाहिए.
इससे पहले राहुल गांधी ने मोहन भागवत के बयान की आलोचना करते हुए एक ट्वीट किया और कहा कि मोहन भागवत ने देश की सेना का अपमान किया है, शहीदों का अपमान किया है, झंडे का अपमान किया. ऐसे बयान देने के लिए उनको शर्म आनी चाहिए.
क्या बोले थे भागवत?
बीते रविवार को संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बिहार के मुज्जफरपुर में स्वयंसेवकों को संबोधित करते कहा था कि देश को अगर हमारी जरूरत पड़े और हमारा संविधान और कानून इजाजत दे हम तुरंत तैयार हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि सेना को तैयार होने में 6-7 महीने लग जाएंगे, लेकिन हम दो से तीन दिन में ही तैयार हो जाएंगे, क्योंकि हमारा अनुशासन ही ऐसा है.
अजीत तिवारी / अशोक सिंघल