संघ प्रमुख ने क्यों कहा, असली ताकत सरकार्यवाह के पास

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने नई दिल्ली में तीन दिवसीय शिविर में संघ के आंतरिक मामलों पर कई बातें सामने रखीं. उन्होंने इस दौरान सरसंघचालक और सरकार्यवाह के चुनावों और नियुक्ति के बारे में भी बताया.

Advertisement
सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी

भारत सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 20 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 10:35 AM IST

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में तीन दिन तक चले शिविर में विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मामलों पर अपनी राय रखी. कार्यक्रम के अंतिम दिन उन्होंने लोगों के पूछे सवालों का जवाब दिया. इस दौरान उन्होंने संघ के सरसंघचालक और सरकार्यवाह के चुनाव और नियुक्ति के बारे में भी बताया.

कब तक सरसंघचालक रहना है, मैं तय करूंगा

Advertisement

भागवत ने कहा कि मैं सरसंघचालक कब तक रहूंगा ये मुझ पर निर्भर है. मैं जिसे चाहूंगा उसे सरसंघचालक बनाऊंगा. हालांकि मेरे पास कोई पावर नहीं है. मैं संघ में सिर्फ गाइड, फ्रेंड और फिलॉस्फर हूं. संघ में सरसंघचालक का चुनाव नहीं होता. मेरे बाद सरसंघचालक कौन होगा यह भी मैं तय करूंगा.

सारी ताकत सरकार्यवाह के पास

भागवत ने आगे कहा कि संघ में सारी ताकत सरकार्यवाह के पास होती है. वही संघ का सीईओ होता है. सरकार्यवाह का तीन साल का कार्यकाल होता है. उसका चुनाव होता है. मेरा क्या है, मुझे अभी सरकार्यवाह बुलाएंगे तो मुझे फौरन यहां से भी जाना होगा. जो सहकार्यवाह कहेंगे वो मुझे करना अनिवार्य हैं.

नागपुर से नई दिल्ली नहीं आता फोन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा दिल्ली में आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन के दूसरे दिन मंगलवार को भागवत ने कहा था कि यह धारणा बिल्कुल गलत है कि संघ मुख्यालय नागपुर से केंद्र सरकार को कॉल किया जाता है और (उनके तथा सरकारी अधिकारियों के बीच) बातचीत होती है. यह धारणा इसलिए भी है कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जैसों का नाता संघ से रहा है.

Advertisement

स्वयंसेवक किसी भी पार्टी में जा सकते हैं

भागवत ने यह भी कहा कि आरएसएस कभी अपने स्वयंसेवकों को किसी राजनीतिक दल के लिए काम करने को नहीं कहता है. उन्होंने कहा कि संघ सलाह नहीं देता है, बल्कि मांगे जाने पर सुझाव पेश करता है. हालांकि उन्होंने भाजपा या उसके किसी भी नेता का नाम नहीं लिया.

संघ का काम व्यक्ति निर्माण का

कार्यक्रम के पहले दिन संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि आरएसएस व्यक्ति निर्माण का कार्य करता है. डॉक्टर हेडगेवार के अनुसार संघ का काम संपूर्ण हिंदू समाज को संगठित करना है. हिंदुत्व हम सबको जोड़ता है, हिंदुस्तान हिंदू राष्ट्र है. 

कांग्रेस की तारीफ और तिरंगे का सम्मान

मोहन भागवत ने पहले दिन कांग्रेस की तारीफ में कहा था कि स्वतंत्रता आंदोलन में कांग्रेस पार्टी और उसकी विचारधारा का अहम योगदान रहा है. कांग्रेस में कई महापुरुष रहे हैं जिन्हें आज भी याद किया जाता है. भागवत ने आगे कहा कि संघ एक लोकतांत्रिक संगठन है. उन्होंने आगे कहा कि आज़ादी के बाद फ्लैग कमेटी ने भगवे की सिफारिश की थी पर जब तिरंगा राष्ट्रीय ध्वज के रूप आया तो तिरंगे का पूरा सम्मान किया. हर स्वयंसेवक तिरंगे का सम्मान करता है. संघ के स्वयंसेवक राष्ट्र के हर प्रतीक चिन्ह का सम्मान करते हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement