नेपाल बोर्डर पर और मुश्तैद होगा खुफिया तंत्र, SSB के इंटेलीजेंस विंग की शुरुआत

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अर्द्ध सैनिक बलों के कल्याण और पुनर्वास के लिए WARB ऐप को लांच किया. इस ऐप के जरिये रिटायर्ड जवानों और अधिकारियों को अपनी बात सरकार तक पहुंचाने में मदद मिलेगी.

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WARB ऐप का लोकार्पण किया WARB ऐप का लोकार्पण किया

जितेंद्र बहादुर सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 18 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 5:12 PM IST

नेपाल की तरफ से होने वाली नकली नोटों की तस्करी हो या फिर मानव तस्करी दोनों को और प्रभावी ढंग से रोकने के लिए गृह मंत्रालय ने एसएसबी के इंटेलिजेंस विंग को सक्रिय कर दिया है. अब ना केवल नेपाल सीमा से अवैध तस्करी रोकी ही जा सकेगी बल्कि इस इंटेलिजेंस विंग के जरिये देश के खिलाफ एन्टी नेशनल एक्टिविटी करने वालों पर भी नजर रखी जा सकेगी.

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बदलती हुई भू-राजनीतिक व्यवस्था में दीर्घकालीन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए भारत सरकार ने SSB के लिए समर्पित इंटेलीजेंस तंत्र को बढ़ाने के लिए 650 अतिरिक्त नए पदों के सृजन की हाल ही में मंजूरी दी. इस मौके पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछले वर्ष एक कार्यक्रम में कहा गया कि बल की चुनौतियों को ध्यान में रखकर सशस्त्र सीमा बल के द्वारा दिए गए प्रस्ताव के लिए शीघ्र ही एक समर्पित सूचना तंत्र की स्थापना की जाएगी और आज मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है.

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज इस सूचना तंत्र को क्रियान्वित कर दिया गया है. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने यह भी कहा ''मुझे इस बात की जानकारी है कि पिछले वर्ष SSB ने 306 करोड़ मूल्य के अवैध सामान को सीमा पर जब्त तक कर 5001 तस्करों और नक्सलियों को गिरफ्तार किया था. वहीं इस वर्ष के मात्र 8 महीनों में लगभग 570 करोड़ मूल्य का अवैध सामान जब्त कर 4628 असामाजिक तत्वों को गिरफ्तार किया गया है.

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इस मौके पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अर्द्ध सैनिक बलों के कल्याण और पुनर्वास के लिए WARB ऐप को लांच किया. इस ऐप के जरिये रिटायर्ड जवानों और अधिकारियों को अपनी बात सरकार तक पहुंचाने में मदद मिलेगी. विज्ञान भवन के कार्यक्रम में गृहमंत्री ने कहा ''मुझे इस अवसर पर WARB ऐप का लोकार्पण करते हुए अत्यंत खुशी है, केंद्रीय पुलिस बलों के सेवानिवृत्त कर्मियों की शिकायतों को दूर करने और उन्हें रोजगार देने एवं उनके कल्याण एवं पुनर्वास बोर्ड द्वारा निर्मित यह ऐप मोबाइल आधारित है''. उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर केंद्रीय सशस्त्र बलों के भूतपूर्व कर्मियों के लिए यह ऐप मददगार साबित होगा.

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