रोहन सिप्पी का प्राइम टाइम: तो ये होता है न्यूजरूम में

इस शॉर्टफिल्म की शुरुआत होती है बैकग्राउंड से आने वाली 'हैशटैग' वाली आवाजों से. इससे पता चलता है कि कैसे आजकल टेलीविजन का न्यूजरूम सोशल मीडिया के हैशटैग्स पर केंद्रित हो गया है.

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रोहन सिप्पी ने दिखाया 'न्यूजरूम का सच' रोहन सिप्पी ने दिखाया 'न्यूजरूम का सच'

सूरज पांडेय

  • नई दिल्ली,
  • 13 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 9:00 PM IST

डायरेक्टर रोहन सिप्पी ने 'प्राइम टाइम' के जरिए एक न्यूजरूम में पर्दे के पीछे होने वाली चर्चा को रोचक और हास्यपूर्ण तरीके से दिखाने की कोशिश की है. इसमें दिखाया गया है कि कैसे न्यूजरूम में जटिल घटनाओं को भी एक दम सतही तरीके से हैंडल किया जाता है.

हैशटैग से तय होती खबरें
इस शॉर्टफिल्म की शुरुआत होती है बैकग्राउंड से आने वाली 'हैशटैग' वाली आवाजों से. इससे पता चलता है कि कैसे आजकल टेलीविजन का न्यूजरूम सोशल मीडिया के हैशटैग्स पर केंद्रित हो गया है. ये फिल्म 'इंडिया टुडे ग्रुप' के 'इंडिया टुमारो' कैंपेन के अंतर्गत बनाई गई है जिसमें हम ऐसे मुद्दों को हाईलाइट कर रहे हैं जिनके जरिए आने वाले कल को और बेहतर किया जा सकता है.

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छह मिनट के इस स्पूफ वीडियो को देखकर आप मजेदार तरीके से समझ सकते हैं कि कैसे एक टीवी न्यूजरूम में ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपने साथ जोड़ने का प्रयास किया जाता है. इसमें दिखाया गया है कि कैसे तथ्यों को अकाट्य सच की तरह पेश किया जाता है.

सिप्पी की ये शॉर्ट फिल्म हाल में चर्चा में रहे नेशनलिज्म के मुद्दे को भी छूकर निकल जाती है.

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