छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में पांच हजार स्पेशल कमांडो की तैनाती की जा रही है. खासतौर पर नक्सलियों की स्मॉल ऐक्शन टीम और अर्बन नेटवर्क के खतरे के मद्देनजर पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के ख़ास दस्ते ऐसे स्थानों में तैनात किये गए है, जहां से उनकी संदिग्धों पर सीधी नजर रहेगी.
दरअसल, भीमा कोरेगांव मामले में प्रधानमंत्री पर हमले की साजिश के खुलासे के बाद प्रधानमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था बेहद चौकस कर दी गई है. यह पहला मौका है जब राजनेताओं से लेकर आला अफसरों को प्रधानमंत्री के करीब पहुंचने के लिए कड़ी सुरक्षा जांच के घेरे से गुजरना पड़ेगा. पहले नेताओं को प्रधानमंत्री के करीब जाने के लिए एसपीजी की अनुमति लेनी होती थी, इस बार प्रधानमंत्री खुद तय करेंगे कि उनके इर्दगिर्द कितने नेता होंगे. हालांकि मंच स्थल पर काबिज होने वालो का अंतिम फैसला एसपीजी ही लेगी.
दुर्ग रेंज के आईजी जी.पी. सिंह के मुताबिक प्रधानमंत्री के दौरे को देखते हुए दुर्ग रेंज के सात जिलों में सतर्कता बरती जा रही है. ये इलाके नक्सली मामलों में काफी संवेदनशील हैं, इन सभी इलाकों से लगभग दो लाख लोग प्रधानमंत्री की आम सभा में शामिल होने वाले हैं. लिहाजा सभी लोगों की बारीकी से जांच पड़ताल होगी. सुरक्षा के तमाम मापदंडों से न केवल आम जनता बल्कि राजनेताओं को भी गुजरना होगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 जून को छत्तीसगढ़ के एक दिवसीय दौरे पर जा रहे हैं. भीमा कोरेगांव मामले में हुए खुलासे के बाद प्रधानमंत्री का घोर नक्सल प्रभावित राज्य का यह पहला दौरा है. प्रधानमंत्री मोदी नक्सलिओं के अर्बन नेटवर्क के गढ़ कहे जाने वाले भिलाई में करीब पांच घंटे बिताएंगे. यहां उनकी सुरक्षा व्यवस्था पहले से कही ज्यादा कड़ी कर दी गयी है. यह पहला मौका है जब प्रधानमंत्री की सुरक्षा में पांच हजार के लगभग स्पेशल कमांडो की तैनाती की जा रही है. ये कमांडो किसी भी नक्सली हमले को विफल करने में दक्ष है. यही नहीं, भारी भीड़ के बावजूद वे संदिग्ध को खोज निकालने में भी माहिर हैं. इसके लिए उन्हें खासतौर पर प्रशिक्षित किया गया है.
यह पहला मौका है जब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह खुद सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने ग्राउंड जीरो पहुंचे हैं. वो भिलाई में हर उस स्थान पर गए जहां प्रधानमंत्री की मौजूदगी दर्ज होनी है. आमतौर पर प्रोटोकॉल के तहत VIP और VVIP की सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा सुरक्षा एजेंसियों के कंधों पर होता है. सुरक्षा व्यवस्था को लेकर तमाम मानकों का परीक्षण किया.
प्रधानमंत्री मोदी मुख्यमंत्री रमन सिंह की विकास यात्रा में अब शामिल नहीं होंगे, बल्कि वो समापन समारोह का हिस्सा बनेंगे और एक आम सभा को भी संबोधित करेंगे. मुख्यमंत्री रमन सिंह की विकास यात्रा का कारवां लगभग आठ किलोमीटर लंबा होगा. पहले प्रधानमंत्री मोदी का मुख्यमंत्री रमन सिंह के साथ रोड प्रस्तावित था. नए कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री मोदी विशेष विमान से दिल्ली से रायपुर आएंगे. वो रायपुर एयरपोर्ट से MI 17 हेलीकॉप्टर से सीधे भिलाई के लिए रवाना होंगे.
हालांकि छत्तीसगढ़ की नई राजधानी, नया रायपुर के दौरे का भी प्रस्ताव पीएमओ में भेजा गया है. लेकिन इसे अभी मंजूरी नहीं मिली है. बताया जा रहा है कि समारोध स्थल भिलाई में होने वाली आम सभा में लगभग दो लाख लोगों की भीड़ जुटेगी. लिहाजा पूरा इलाका छावनी में तब्दील कर दिया गया है.
छत्तीसगढ़ में इसी साल नवंबर-दिसंबर माह में विधान सभा चुनाव होने हैं. लिहाजा राज्य सरकार विकास योजनाओं के क्रियान्वयन से लेकर नक्सलवाद के खात्मे के लिए जोर आजमाइश में जुटी हुई है. सरकार का मानना है कि जब तक नक्सलवाद का समूल नाश नहीं हो जाता, तब तक विकास की योजनाएं राज्य के एक बड़े हिस्से में परवान नहीं चढ़ पाएंगी. लिहाजा प्रधानमंत्री के इस दौरे को नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
विकास जोशी