प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री आवास में राष्ट्रीय बाल पुरस्कार जीतने वाले बच्चों से मुलाकात की. पीएम मोदी ने इस दौरान बच्चों के साहसिक कार्यों की तारीफ की और कहा कि जो आपने किया है वो सोचने में ही लोगों के पसीने छूट जाते हैं. पीएम ने बच्चों की सलाह दी कि वो इस फेम के चक्कर में ना आएं, अपने पैर जमीन पर रखना जरूरी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान बच्चों से उनके काम के बारे में पूछा और पूछा कि क्या उन्होंने राष्ट्रपति भवन देखा या नहीं. आज जब बच्चे घर जाएंगे तो मम्मी-पापा को बोलेंगे देखा हमने अच्छा काम किया और राष्ट्रपति ने हमें पुरस्कार दिया.
पुरस्कार मिलना सिर्फ शुरुआत...
बच्चों से पीएम मोदी बोले कि कम आयु में जिस प्रकार से आपने अलग-अलग क्षेत्रों में कुछ ना कुछ करके दिखाया है, इससे आपको कुछ अच्छा करना का मन करेगा और लोगों को प्रेरणा मिलेगी. पुरस्कार मिलना सिर्फ शुरुआत होती है, यहां पर सबकुछ खत्म नहीं होता है. उन्होंने कहा कि आज युवा शिक्षा, आर्ट, कल्चर, समाजसेवा हर किसी क्षेत्र में अपना योगदान दे रहे हैं. मैंने लालकिले से कहा था कि अधिकार पर नहीं लोगों को कर्तव्य पर भी बल देना चाहिए.
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पुरस्कार जीतने वाले बच्चों से पीएम ने कहा कि वो सभी की कहानी को दुनिया को बताएंगे और सोशल मीडिया पर तस्वीरें साझा करेंगे. पीएम ने कहा कि अगर गलती होगी तो नाराज मत होना. कभी-कभी जानकारी में गलती हो जाती है. आपने जो काम किया, उसको सोचने में लोगों के पसीने छूट जाते हैं.
जब बच्चे ने मोदी से पूछा सवाल...
प्रधानमंत्री ने एक बच्चे से मुलाकात का वाकया सुनाते हुए कहा कि एक बच्चे ने मुझे पूछा कि आप इतना काम करते हैं, आपको मां की याद नहीं आती है. मैंने कहा जब याद करता हूं तो सारी थकान उतर जाती है.
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बच्चों को नमो मंत्र...
- प्रधानमंत्री ने बच्चों से रोजाना खेलने के लिए कहा कि बचपन में दिन में चार बार पसीना जरूर आना चाहिए.
- पानी हमेशा बैठकर पीना चाहिए और उसे आनंद के साथ पीना चाहिए.
- बच्चों से पीएम बोले कि हमारे स्वभाव में साहस होना चाहिए, साहस के बिना जीवन संभव नहीं है.
- दिल्ली आए हैं तो लालकिला, वॉर मेमोरियल, पुलिस मेमोरियल जरूर देखने जाएं.
गौरतलब है कि राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार 2019 के लिए 10 लड़कियों, 12 लड़कों समेत 22 बच्चों को नामित किया गया है. इंडियन काउंसिल फॉर चाइल्ड वेलफेयर (ICCW) ने जिन 22 बच्चों को चुना है, उनमें से एक को यह पुरस्कार मरणोपरांत दिया जाएगा.
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