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कुमारी शैलजा बोलीं- मनरेगा के तहत पराली कटवाई जाए
Posted by :- kaushlendra singh
कुमारी शैलजा ने कहा कि डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट बताती है कि इस वजह से बहुत सारे बच्चे 15 साल की उम्र से पहले ही जान गंवा देते हैं. इसके साथ ही यह हमारी लाइफ साइकल भी कम कर रहा है. खबरों में लगातार प्रदूषण की खबर आ रही है. उत्तर भारत में लगातार यह फैल रहा है. हर साल यह अधिक खतरनाक होता जा रहा है. हरियाणा में अगर हवा का स्तर इतना खराब है तो वहां कोई मॉनिटरिंग स्टेशन क्यों नहीं है. प्रदूषण के अनेकों कारण बताए जाते हैं. जिनमें से चौथे नंबर पर आता है पराली जाना, मैं हरियाणा से आती हूं इसलिए कहना चाहूंगी कि आज सबसे ज्यादा पंजाब-हरियाणा के किसानों को दोषी ठहरा देते हैं. उनको अपराधी तक बना दिया गया है जो पराली जलाते हैं. किसान अगर धान उगा रहा है, उसके बाद उसे गेहूं कि बिजाई करनी है. उसे यह जलाना पड़ता है क्योंकि उसके पास टेक्नॉलजी उपलब्ध नहीं है. किसान ज्यादातर कर्जवान है. वो कहां जाएगा. किसान को आप दोषी मत ठहराइए, उसे सक्षम कीजिए, टेक्नॉलजी दीजिए, इंसेंटिव दीजिए, इसे मनरेगा से जोड़िए ताकि मनरेगा के तहत पराली कटवाई जाए.