लोकसभा स्पीकर बिड़ला ने बनाया रिकॉर्ड, जीरो ऑवर में 4 घंटे 48 मिनट चली चर्चा

लोकसभा में गुरुवार को 4 घंटे 48 मिनट तक जीरो ऑवर चला, जिसमें लोक महत्व के मुद्दों पर बहस हुई और 162 सांसदों ने हिस्सा लिया. इसके साथ ही एक दिन में 4 घंटे 48 मिनट तक का जीरो ऑवर चलने का नया रिकॉर्ड बन गया.

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लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला (फाइल फोटो) लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला (फाइल फोटो)

हिमांशु मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 19 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 1:36 PM IST

लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सदन में 4 घंटे 48 मिनट तक जीरो ऑवर चलाकर नया रिकॉर्ड बनाया है. गुरुवार को लोकसभा में फाइनेंस बिल पास होने के बाद ओम बिड़ला ने शाम 6 बजे से रात 10 बजकर 50 मिनट तक लोक महत्व के मुद्दों पर बहस यानी जीरो ऑवर (zero Hour) जारी रखा. इसमें 162 सांसदों ने हिस्सा लिया. इस तरह गुरुवार को लोकसभा में जीरो ऑवर 4 घंटे 48 मिनट तक चला. आमतौर पर लोकसभा और राज्यसभा में एक घंटे का समय जीरो ऑवर के लिए रखा जाता है.

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जीरो ऑवर में सांसद अपने संसदीय क्षेत्र से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दे उठाते हैं या फिर कोई ऐसा ज्वलंत मुद्दा उठाते हैं, जिसका सीधा जनता से जुड़ाव होता है. संसद में जीरो ऑवर में सभी सांसदों को 2 मिनट में अपनी बात कहने को कहा जाता है. इसका मतलब यह हुआ कि अगर कोई सांसद किसी मुद्दे को उठाता है, तो उसको दो मिनट के अंदर ही उस पर अपनी बात रखनी होती है.

क्या होता है जीरो ऑवर

आपको बता दें कि किसी भी सांसद के द्वारा जीरो ऑवर में उठाए गए मुद्दे पर सरकार जवाब देने के लिए बाध्य नहीं है. हालांकि कई बार मंत्री अपनी स्वेच्छा से अपने मंत्रालय से जुड़े विषय पर जवाब दे देते हैं. आमतौर पर सदन में जीरो ऑवर एक घंटे तक के लिए रखा जाता है, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सदन में एक दिन में जीरो ऑवर 4 घंटे 48 मिनट तक चलाकर नया रिकॉर्ड बनाया है. इससे पहले 17वीं लोकसभा में बजट में मंत्रालयों को डिमांड एंड ग्रांट (demand and grant) को लेकर चर्चा में दो दिन तक रात के 12 बजे तक चर्चा चली थी.

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वहीं, गुरुवार को लोकसभा में वित्त विधेयक (2) को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया. इस बीच लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम मंत्री और एनडीए के सांसद मौजूद रहे. लोकसभा में वित्त विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बहस में हिस्सा लेने वाले सभी सांसदों का आभार जताया. उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर छूट देने का फैसला सरकार ने किया है.

केंद्रीय वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा कि टैक्ट से जुड़े प्रस्ताव निवेश को बढ़ाने और नए कारोबारियों को प्रोत्साहन देने के लिए किए गए हैं. जवानों को मिलने वाली पेंशन पर टैक्स का फैसला वित्त या रक्षा मंत्रालय नहीं लेता, यह सेना के मुख्यालय की सिफारिशों के बाद तय होता है. केंद्रीय वित्तमंत्री सीतारमण ने सौगत राय, रितेश पांडे और भर्तृहरि महताब के सवालों के जवाब भी दिए.

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