नागरिकता संशोधन एक्ट और नेशनल रजिस्टर फॉर सिटिजन के मुद्दे पर देशभर में जारी चर्चा के बीच असम एनआरसी के डाटा पर विवाद हो गया है. असम में जो पिछले साल NRC की प्रक्रिया हुई थी, उसका सारा डाटा आधिकारिक वेबसाइट से गायब हो गया है. जिसके बाद कई तरह के सवाल खड़े हो रहे थे, अब गृह मंत्रालय ने सफाई में कहा है कि डाटा पूरी तरह से सुरक्षित है, कुछ टेक्निकल दिक्कत की वजह से यह दिख नहीं रहा है.
बता दें कि असम में हुई एनआरसी का डाटा बीते दिनों गृह मंत्रालय की ओर से http://www.nrcassam.nic.in पर अपलोड कर दिया गया था, जिसमें पूरी लिस्ट शामिल थी. लेकिन अचानक यहां से डाटा हट गया और वेबसाइट नहीं खुल रही थी. इसके बाद कई तरह की अफवाहें फैलने लगीं और गृह मंत्रालय से लोग सवाल पूछने लगे.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अफवाहों को दूर करते हुए कहा कि NRC का डाटा पूरी तरह से सुरक्षित है. वेबसाइट पर कुछ क्लाउड की दिक्कतों के कारण डाटा नहीं दिख रहा है. जिसे जल्द ही सुधार लिया जाएगा.
एनआरसी के स्टेट कॉर्डिनेटर हितेश देव शर्मा ने इस बात को स्वीकार करते हुए कहा कि डाटा को अभी ऑफ लाइन किया गया है, लेकिन ये सिर्फ टेक्निकल चूक की वजह से हुआ है. उन्होंने कहा कि वेबसाइट की क्लाउड सर्विस की जिम्मेदारी आईटी फर्म विप्रो को दी गई थी, जो कि अक्टूबर 2019 तक ही उपलब्ध थी.
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हितेश देव शर्मा के मुताबिक, पिछले कॉर्डिनेटर के द्वारा इसे अपडेट नहीं करवाया गया था. जिसके बाद 15 दिसंबर को विप्रो कंपनी ने इस सुविधा को सस्पेंड कर दिया. हालांकि, अब स्टेट कॉर्डिनेशन कमेटी ने इसपर काम करना शुरू कर दिया है और फरवरी के पहले हफ्ते में ही विप्रो कंपनी को इसके बारे में लिखा गया है. अगले दो से तीन दिनों में ये डाटा फिर वेबसाइट पर उपलब्ध बो जाएगा.
आपको बता दें कि पिछले साल असम में एनआरसी की प्रक्रिया पूरी हुई थी, जिससे 19 लाख लोग बाहर हो गए थे. 31 अगस्त 2019 को सरकार की ओर से NRC की फाइनल लिस्ट जारी कर दी थी. असम में कुल 3,30,27,661 लोगों में से 3,11,21,004 का नाम लिस्ट में आया था. जबकि 19,06,657 लोग एनआरसी की लिस्ट से बाहर आ गए थे.
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