रेलवे की शुरुआती संयुक्त जांच रिपोर्ट में हरचंदपुर रेल हादसे के लिए सिग्नल की तकनीकी खराबी को जिम्मेदार ठहराया गया है.
जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि न्यू फरक्का एक्सप्रेस गलत ट्रैक पर जाने की वजह से पटरी से उतरी थी और रेल हादसा हो गया था. रिपोर्ट के मुताबिक, जिस ट्रैक पर जाना था उसकी बजाय न्यू फरक्का एक्सप्रेस दूसरे ट्रैक पर सिग्नल मिलने की वजह से चली गई.
न्यू फरक्का एक्सप्रेस के लिए सिग्नल मेन लाइन के लिए थे लेकिन गाड़ी लूप लाइन पर चली गई. रेलवे की आंतरिक संयुक्त जांच रिपोर्ट के मुताबिक, गाड़ी संख्या 14003 के लिए लाइन नंबर दो मेन लाइन के लिए सभी सिग्नल आगमन-प्रस्थान ऑफ थे. ड्राइवर रोड स्टेशन मास्टर के बयान से इसकी पुष्टि होती है लेकिन दुर्घटना स्थल पर प्वाइंट नंबर 42 बी लूप लाइन 1 के लिए बना था और पैनल पर लाइन नंबर 1 बर्थिंग ट्रेक पीला शो कर रहा था.
आंतरिक रिपोर्ट में कहा गया है कि इन स्थितियों में ऐसा मालूम होता है कि किसी तकनीकी खराबी के कारण अपने आप गाड़ी चलाने के समय प्वाइंट सेट हो गया. इसके कारण गाड़ी पटरी से उतर गई. इसकी पुष्टि डाटा लॉगर के डाटा की जांच के बाद ही हो पाएगी.
रेलवे की इस पूरी रिपोर्ट से मालूम होता है कि रेल हादसे के लिए कहीं ना कहीं लापरवाही हुई है. शुरुआती रिपोर्ट की कॉपी 'आज तक' के पास है. कमिश्नर रेलवे सेफ्टी इसी रिपोर्ट के आधार पर आगे की जांच करते हैं और कमिश्नर रेलवे सेफ्टी की रिपोर्ट को ही अंतिम माना जाता है.
पश्चिम बंगाल के मालदा टाउन से चलकर दिल्ली आ रही 14003 न्यू फरक्का एक्सप्रेस रायबरेली के हरचंदपुर स्टेशन पर सुबह 6 बजे के आसपास दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि असिस्टेंट स्टेशन मास्टर ने ट्रेन को पास होने के लिए ग्रीन सिग्नल तो दे दिया लेकिन पटरियां नहीं जोड़ पाया. इस हादसे में ट्रेन के इंजन और उससे जुड़े 5 कोच पटरी से उतर गए और रेल हादसा हो गया. जो कोच पटरी से उतरे उनमें 3 जनरल कोच और स्लीपर के S-7, S-8, S-9, S-10 और S-11 कोच हैं.
इस हादसे के बाद हरचंदपुर के असिस्टेंट स्टेशन मास्टर आशीष कुमार को पहली नजर में दोषी पाते हुए निलंबित कर दिया गया. कार्रवाई के तहत रेल हादसे के असल कारणों का पता लगाने के लिए हरचंदपुर के स्टेशन अधीक्षक ने रेलवे स्टेशन का रिप्ले रूम सील कर दिया था.
रविकांत सिंह / सिद्धार्थ तिवारी