उत्तर प्रदेश के शहर रायबरेली के हरचंदपुर स्टेशन पर बीते बुधवार को रेल हादसे के मामले में जांच के दौरान पता चला है कि रेलवे के 3 कर्मचारियों ने झूठे बयान दर्ज कराए थे.
जांच में पता चला है कि हादसे के समय ये तीनों लोग हरचंदपुर में ही मौजूद थे, लेकिन उन्होंने अपने बयानों में खुद के गैरमौजूद रहने की बात कही थी. दरअसल ये जानकारी मोबाइल लोकेशन की जांच में पता चली है.
न्यू फरक्का एक्सप्रेस एक्सीडेंट मामले में रेल संरक्षा आयुक्त ने रेलवे बोर्ड के सामने जांच रिपोर्ट पेश की है जिसमें सिगनल प्वाइंट की खराबी, रिले रूम के मैग्नेटिक डोर और इलेक्ट्रॉनिक लॉक के अलावा डाटा लॉगर की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े किए हैं. इसके साथ ही लोकेशन बॉक्स में छेड़छाड़ की आशंका भी जाहिर की है.
जांच के दौरान इलेक्ट्रिक सिगनल मेंटेनर एके पांडे और सिग्नल खलासी का झूठ पकड़ा गया है. साथ ही खंड अभियंता तिलकराम के बयानों में भी झूठ मिला है. दरअसल इन तीनों लोगों ने बयान दिया था कि एक्सीडेंट के समय ये लोग मौका ए वारदात पर मौजूद नहीं थे.
इन लोगों ने बयान दिया था कि वह रेलवे की कुछ खराबी को ठीक करने के लिए गए हुए थे. अब रेलवे बोर्ड को रिपोर्ट मिलने के बाद सूत्रों का कहना है कि इन तीनों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी और निलंबन की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी.
दरअसल, पिछले बुधवार को हरचंदपुर रेलवे स्टेशन पर न्यू फरक्का एक्सप्रेस की आधा दर्जन से ज्यादा बोगियां पटरी से उतर गई थी जिससे बड़ा रेल हादसा हुआ था और कई लोगों की जानें चली गई थीं. उस वक्त माना जा रहा था कि किसी तकनीकी खराबी के कारण यह हादसा हुआ है. अब जांच में अधिकारियों की लापरवाही की बात सामने आने के बाद विभाग सकते में है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की कवायद कर रहा है.
शिवेंद्र श्रीवास्तव