लैंड स्लाइड की चेतावनी जारी करेगा NASA, उत्तरी भारत को मिल सकती है राहत

दुनिया भर में हर साल भारी बारिश के चलते तकरीबन 4600 लोगों की मौत होती है. वैज्ञानिकों के सामने ये सबसे बड़ी चुनौती है. नासा के दो वैज्ञानिकों ने ऐसे इलाकों का नक्शा तैयार किया है.

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लैंड स्लाइड की चेतावनी जारी करेगा NASA लैंड स्लाइड की चेतावनी जारी करेगा NASA

सिद्धार्थ तिवारी

  • नई दिल्ली,
  • 30 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 9:07 AM IST

दुनिया भर में हर साल भारी बारिश के चलते तकरीबन 4600 लोगों की मौत होती है. इसकी बड़ी बारिश के दौरान लैंडस्लाइड है. वैज्ञानिकों के सामने ये सबसे बड़ी चुनौती है. हाल ही में अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा के दो वैज्ञानिकों ने बारिश के दौरान होने वाली लैंड स्लाइड से जूझने वाले इलाकों का नक्शा तैयार किया है. इस मैप में उन सभी इलाकों को दिखाया गया है जहां पर भारी बारिश के चलते सबसे ज्यादा लैंडस्लाइड होती है.

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लैंडस्लाइड से पहले मिलेगी सूचना
जो मैप वैज्ञानिकों ने जारी किया है, उसमें उत्तर भारत को लेकर हैरान करने वाली बात सामने आई है. उत्तर भारत, नेपाल और तिब्बत की हिमालयन रेंज के अध्ययन से पता चला है कि यहां सिर्फ बारिश ही लैंडस्लाइड के लिए दोषी नहीं है, बल्कि सड़कों का निर्माण और जंगलों की अंधाधुंध कटाई भी बड़ी वजह है. वैज्ञानिकों ने साल 2013 की उत्तराकंड आपदा का भी जिक्र किया. मंदाकिनी नदी घाटी में केदारनाथ मंदिर के आसपास भारी बारिश हुई और हजारों लोग मौत के काल में समा गए. लेकिन लैंड स्लाइड मैप आने के बाद ऐसे इलाकों की पहले से ही पहचान संभव होगी. जिसके चलते किसी खतरे से पहले ही चेतावनी जारी की जा सकती है.

संजीवनी साबित होगा मैप
नासा के वैज्ञानिकों ने जो मैप तैयार किया है उससे जोखिम मॉनिटरिंग सिस्टम बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों को काफी मदद मिल सकती है. इसी तरह का एक प्रयास है ग्लोबल प्रेसिपिटेशन मेजरमेंट यानी जीपीएम. इस मिशन के तहत सेटेलाइट के जरिए दुनिया भर में हो रही बारिश पर लगातार नजर रखी जाती है और इसके चलते संभावित खतरों के लिए चेतावनी देने की व्यवस्था भी की गई है.

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