मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की महिलाओं ने हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश करते हुए रक्षाबंधन पर रामलला को राखियां भेजने का ऐलान किया है. रामलला को मुस्लिम बहनों के हाथ की बनी राखियां भेजी जाएंगी. राम नाम से सजी इन राखियों को शाहीन परवेज़ सहित कई मुस्लिम महिलाओं ने मिलकर तैयार किया है. इन मुस्लिम महिलाओं ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से अपील की है कि उनकी राखियों को स्वीकार किया जाए. उन्होंने इन राखियों को बड़ी आस्था और प्रेम से तैयार किया है.
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय संयोजिका शाहीन परवेज के नेतृत्व में मुस्लिम महिलाओं ने रामलला के लिए राखियां तैयार की हैं. रामलला के लिए राखियां बनाने वाली मुस्लिम महिलाओं का कहना है कि इन अनूठी राखियों में राम नाम लिखा है. राखियों के बीच में मोरपंख बने हुए हैं.
महिलाओं का कहना है कि ये राखियां आस्था के साथ बनाई गई हैं. इन महिलाओं का कहना है कि पांच अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर का भूमिपूजन हो रहा है. इसलिए उन्होंने ये राखियां अपने रामलला के लिए तैयार की हैं.
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मुस्लिम महिलाओं का कहना है कि 500 साल बाद राम मंदिर का भव्य निर्माण होने जा रहा है और रामलला को टेंट से मुक्ति मिली है. ये राखियां मेरठ से रामलला के लिए भेजी जाएंगी.
इन मुस्लिम महिलाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए भी राखियां तैयार की हैं. मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की संयोजक शाहीन परवेज ने बताया कि इन राखियों को डाक के जरिए भेजा जाएगा.
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उस्मान चौधरी