कट्टरपंथी समूह ने कहा- मुस्लिम नहीं थे कलाम, उनके सामने गीता रखना सही

तमिलनाडु के रामेश्वरम में देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की प्रतिमा को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है. तमिलनाडु के एक मुस्लिम समूह ने कहा कि अब्दुल कलाम मुस्लिम नहीं थे. उन्होंने कहा  कि उनका नाम अब्दुल कलाम हो सकता है, लेकिन वो एक मुस्लिम नहीं थे.

Advertisement
अब्दुल कलाम की प्रतिमा को लेकर विवाद गरमाया अब्दुल कलाम की प्रतिमा को लेकर विवाद गरमाया

केशवानंद धर दुबे

  • रामेश्वरम,
  • 31 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 1:52 PM IST

तमिलनाडु के रामेश्वरम में देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की प्रतिमा को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है. तमिलनाडु के एक मुस्लिम समूह ने कहा कि अब्दुल कलाम मुस्लिम नहीं थे. उन्होंने कहा  कि उनका नाम अब्दुल कलाम हो सकता है, लेकिन वो एक मुस्लिम नहीं थे.

उन्होंने कहना है कि अब्दुल कलाम ने मूर्ति की उपासना की और गुरुओं की पूजा भी की, इसलिए वह मुसलमान नहीं थे. साथ ही उन्होंने कहा कि कलाम की प्रतिमा के सामने भगवान गीता को रखना सही है. कुरान को उनकी प्रतिमा के पास नहीं रखा जाना चाहिए.

Advertisement

बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम की प्रतिमा के पास उत्कीर्ण भगवत गीता रखे जाने को लेकर विवाद हो गया था. इसके बाद उनके परिवार ने प्रतिमा के पास कुरान और बाइबिल की प्रति रखकर विवाद को शांत करने का प्रयास किया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया प्रतिमा का अनावरण

27 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि पर उनके गृहनगर पीकारुंबू में कलाम की वीणा बजाते हुए लकड़ी से बनी एक प्रतिमा का अनावरण किया था. साथ ही उन्होंने रामेश्वरम में एक स्मारक का उद्घाटन भी किया था, पीएम ने पूर्व राष्ट्रपति के गृह नगर में उस जगह पर बने स्मारक को देशवासियों को समर्पित किया. यहां मिसाइल मैन के पार्थिव शरीर को दफनाया गया था.

MDMK नेता वाइको ने उठाया था सवाल

Advertisement

जिसके बाद MDMK के सीनियर नेता वाइको ने वीणा बजाते हुए प्रतिमा और उसके आगे गीता रखने को लेकर केंद्र सरकार और बीजेपी को आड़े हाथों लिया. DMK नेता ने आरोप लगाया था कि बीजेपी कलाम को भगवा रंग में रंगने की कोशिश कर रही है और इसके पीछे राजनीतिक मंशा है. MDMK नेता वाइको ने कहा था कि प्रतिमा के साथ गीता के बजाय तमिल किताब 'थिरुकुरल' रखी जानी चाहिए, जो कि तमिल कवि तिरुवल्लुवर द्वारा लिखी गई है.

 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement