गृह मंत्रालय की सुरक्षा और पैनी, सब देख रही है CISF की ‘तीसरी आंख’

गृह मंत्रालय आने-जाने वाले सभी लोगों की रिकॉर्डिंग CISF के जवान पूरी मुस्तैदी के साथ हर वक्त कर रहे हैं. CISF के जवानों को दिए गए कैमरे में 8 घंटे की रिकॉर्डिंग एक बार में हो सकती है. इसमें लगी चिप में सभी रिकॉर्डिंग स्टोर होती है. CISF जवान इसे कंट्रोल रूम में अधिकारियों के पास भेजते हैं. वहां पर ऐसे हर संदिग्ध की गतिविधियों को खंगाला जाता है जो गृह मंत्रालय के अंदर अनचाहे तरीके से आने की कोशिश करता है.

Advertisement
CISF की ‘तीसरी आंख’ CISF की ‘तीसरी आंख’

सुरभि गुप्ता / जितेंद्र बहादुर सिंह / खुशदीप सहगल

  • नई दिल्ली,
  • 30 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 8:56 PM IST

‘ऊपर वाला सब देख रहा है’…सुरक्षा की दृष्टि से लगे सीसीटीवी कैमरों के लिए ये बात कही जाती है. गृह मंत्रालय की सुरक्षा में कोई परिंदा भी पर नहीं मार सके, इसके लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की ओर से कुछ खास इंतजाम किए गए हैं. CISF की ‘तीसरी आंख’ की हर वक्त नॉर्थ ब्लॉक पर पैनी नजर है. नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक वो जगह हैं, जहां आतंकवादियों के हमले का खतरा हमेशा मंडराता रहता है. यही वजह है कि CISF ने नॉर्थ ब्लॉक यानी गृह मंत्रालय की सुरक्षा को और मजबूत बनाया है.

Advertisement

गृह मंत्रालय आने-जाने वाले सभी लोगों की रिकॉर्डिंग CISF के जवान पूरी मुस्तैदी के साथ हर वक्त कर रहे हैं. CISF के जवानों को दिए गए कैमरे में 8 घंटे की रिकॉर्डिंग एक बार में हो सकती है. इसमें लगी चिप में सभी रिकॉर्डिंग स्टोर होती है. CISF जवान इसे कंट्रोल रूम में अधिकारियों के पास भेजते हैं. वहां पर ऐसे हर संदिग्ध की गतिविधियों को खंगाला जाता है जो गृह मंत्रालय के अंदर अनचाहे तरीके से आने की कोशिश करता है.

CISF सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस तरीके से रिकॉर्डिंग करने का मकसद ये भी है कि गेट पर आते समय वीवीआईपी की सुरक्षा पर नजर तो रखी ही जाए, साथ ही अगर कोई व्यक्ति गेट पर आ कर विवाद भी करता है तो उसकी भी रिकॉर्डिंग वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचाई जाए.  

Advertisement

जानकारी के मुताबिक इस तरह के कुछ कैमरों की व्यवस्था एयरपोर्ट पर भी की गई है. एयरपोर्ट के मुख्य द्वार से जहां यात्री प्रवेश करते हैं, वहां CISF के जवान जो आइडेंटी कार्ड चेक करते हैं, उन्हीं के पास ऐसे कैमरे मौजूद रहते हैं. इन कैमरों की रिकॉर्डिंग को बाद में खंगाल कर ये जानने की कोशिश की जाती है कि कहीं किसी अवांछित व्यक्ति ने तो एयरपोर्ट के अंदर या फिर किसी ऐसी जगह पर जाने की कोशिश तो नहीं की जहां उसके जाने पर पाबंदी है.

CISF को जहां-जहां सुरक्षा व्यवस्था में लगाया गया है, वहां अत्याधुनिक उपकरणों और तकनीक का इस्तेमाल कर सुरक्षा को पैना बनाया जा रहा है. एयरपोर्ट हो या फिर नॉर्थ ब्लॉक या साउथ ब्लॉक, सभी जगहों की सुरक्षा मजबूत करने के लिए गृह मंत्रालय लगातार सुरक्षा एजेंसियों के संपर्क में है. मॉडर्नाइजेशन प्लान के तहत सुरक्षा एजेंसियों की ओर से जिन उपकरणों की मांग होती है, गृह मंत्रालय की ओर से मुहैया कराए जाते हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement