कश्मीर घाटी में स्थित सीमावर्ती कुपवाड़ा के केरन सेक्टर में शहीद हुए जम्मू के सतीश भगत के परिवार में उनकी शहादत की ख़बर सुनकर मातम छाया हुआ है. घरवालों का जहां रो-रो कर बुरा हाल है, वहीं सतीश के दोनों बहनों का हाल बहुत बुरा है. जम्मू इलाके से सतीश भगत के अलावा एक और जवान रणजीत सिंह की शहादत हुई है. दो जवानों की शहादत के बाद जम्मू के लोगों में सरकार के खिलाफ काफी गुस्सा है और वह सरकार से मांग कर रहे हैं कि पाकिस्तान को एक बार कड़ा जवाब दिया जाना चाहिए.
20 साल के सतीश भगत ने दी शहादत
जम्मू के 20 साल के वीर सपूत सतीश भगत भगत ने भारत माता की रक्षा करते हुए केरन सेक्टर में बुधवार को सीज़फायर के दौरान अपनी जान की आहुति दे दी. सतीश के पिता भी फौज में थे और कुछ साल पहले रिटायर होने के बाद उन्होंने डिफेन्स सर्विस कॉर्प ज्वाइन कर लिया था. अभी वह गुजरात में पोस्टेड हैं. परिवार का कहना है की उन्हें सतीश की शहादत पर फख्र है.
हाल में ही पूरी हुई थी ट्रेनिंग
क़रीब दो साल पहले सेना में भर्ती हुए सतीश बचपन से ही सेना में भर्ती होने का सपना देख रहे थे. सतीश हाल ही में जबलपुर में ट्रेनिंग खत्म करके जम्मू अपने घर एक महीने के लिए छुट्टी पर आए थे और पहली बार 11 जून को कश्मीर घाटी गए थे. लेकिन एक महीने बाद ही वह 12 जुलाई को देश के लिए केरन सेक्टर में शहादत पा गए.
एक और सर्जिकल स्ट्राइक की जरूरत
गांव वालों की मांग है कि लाइन ऑफ़ कंट्रोल पर जिस तरह से पाकिस्तान रोज़ाना सीज़फायर का उल्लंघन कर रहा है और हमारे जवान शहादत दे रहे हैं, उसको देखते हुए पाकिस्तान पर एक बार फिर सर्जिकल ऑपरेशन करने की जरूरत है.
लांस नायक रणजीत सिंह के गांव में गम और गुस्सा
कश्मीर घाटी के केरन सेक्टर में जम्मू का ही एक और जवान पाकिस्तानी गोलीबारी में शहीद हुआ है. जम्मू के बरन इलाक़े के लांस नायक रणजीत सिंह अपने मां-बाप के इकलौटे बेटे थे. रंजीत सिंह की बेटी और बेटा कह रहे हैं कि वह अपने पिता की शहादत का बदला फौज में भर्ती हो कर लेंगे.
लांस नायक रणजीत सिंह की शहादत पर उनके घर में मातम छाया हुआ है, जबकि उनके गांव में ग़ुस्सा है. मगर रंजीत सिंह की बेटी, काजल और बेटा, कार्तिक कह रहे हैं कि वह अपने पिता की शहादत का बदला लेने के लिए फौज में भर्ती होंगे और 100 पाकिस्तानी जवानों को मारेंगे.
गांव और परिवार वालों का कहना है कि सरकार खाली बातें कर रही है, मगर पाकिस्तान के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेती. लोग पाकिस्तान के ख़िलाफ़ हैं और मांग कर रहे हैं कि पाकिस्तान के ख़िलाफ़ ऐक्शन किया जाना चाहिए. रणजीत सिंह का परिवार क़रीब एक महीने पहले ही पंजाब के जालंधर से केरन पहुंचा था.
दिनेश अग्रहरि / अश्विनी कुमार