लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह हो सकते हैं देश के पहले आर्मी डेप्यूटी चीफ

लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह देश के पहले आर्मी डेप्यूटी चीफ(रणनीति) हो सकते हैं. 15 अक्टूबर को वह डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन्स (DGMO) का पद संभालेंगे और इसी के साथ ही नए ऑफिस के डेप्यूटी चीफ भी वह हो सकते हैं.

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लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह

मंजीत नेगी

  • नई दिल्ली,
  • 01 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 9:02 PM IST

  • आर्मी डेप्यूटी चीफ(रणनीति) मिलिट्री इंटेलिजेंस और मिलिट्री ऑपरेशन्स संभालेंगे
  • 200 ऑफिसर्स को सेना मुख्यालय से बाहर फील्ड फॉर्मेशन्स के लिए भेजा जाएगा
  • लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक की प्लानिंग में भी शामिल थे

लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह देश के पहले आर्मी डेप्यूटी चीफ(रणनीति) हो सकते हैं. 15 अक्टूबर को वह डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन्स (DGMO) का पद संभाल सकते हैं. इसी के साथ ही नए ऑफिस के डेप्यूटी चीफ भी वह हो सकते हैं. वह मिलिट्री इंटेलिजेंस और ऑपरेशन्स के प्रभारी होंगे. बतौर DGMO वह जम्मू कश्मीर और उत्तर पूर्वी राज्यों के ऑपरेशन्स मामलों पर नजर रखेंगे. नए काम के लिए सेना मुख्यालय का नया पुनर्गठन हो रहा है.  

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नए प्लान के तहत आर्मी डेप्यूटी चीफ (रणनीति) मिलिट्री इंटेलिजेंस और मिलिट्री ऑपरेशन्स संभालेंगे. वहीं रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना मुख्यालय का नए सिरे से पुनर्गठन करने को अनुमति दे दी है. इसके तहत 200 ऑफिसर्स को सेना मुख्यालय से बाहर फील्ड फॉर्मेशन्स के लिए भेजा जाएगा. साथ ही कम्यूनिकेशन के लिए नए दफ्तर भी बनाए जाएंगे.  

लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह को काउंटर टेरर ऑपरेशन में लंबा अनुभव है. लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक की प्लानिंग में भी शामिल थे. परमजीत सिंह डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज के छात्र रहे हैं. कश्मीर घाटी में सेना की तैनाती में भी उनका अहम योगदान है. उन्होंने अपने करियर का अधिकांश समय जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद रोधी अभियानों का संचालन करने में बिताया है. लेफ्टिनेट जनरल परमजीत सिंह ने 1982 में भारतीय सेना जॉइन की थी. जनवरी 1984 में उनका पैराशूट रेजिमेंट में ट्रांसफर हुआ था.

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