सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ अगर आप लोकपाल में भ्रष्टाचार की शिकायत करेंगे तो आपको हलफनामा देना पड़ सकता है. सरकार ऐसा नियम बनाने जा रही है. इसका मकसद यह है कि शिकायत करने वाला शख्स सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ अपना कोई निजी द्वेष के कारण शिकायत न कर सके.
इकोनॉमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक शिकायत करने वाले को अपनी पूरी पहचान बतानी होगी. मसलन अपना नाम, पता और मोबाइल या संपर्क के लिए कोई अन्य नंबर देना होगा. शिकायत करने वाले को हलफनामा में बताना होगा कि उसकी शिकायत सही है. अगर शिकायत गलत निकली तो शिकायकर्ता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है.
कौन आता है लोकपाल के दायरे में
आपको बता दें कि लोकपाल भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायत के लिए बनी है.यह प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री, मंत्री, सांसद और ग्रुप ए, बी, सी और डी ग्रेड के अधिकारियों और केंद्रीय कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत की जांच कर सकता है. सरकार अगर नियम बनाती है तो इसे पर्सनल और ट्रेनिंग डिपार्टमेंट से नोटिफाई करना होगा.
लोकपाल की वेबसाइट के मुताबिक 16 अप्रैल 2019 तक की सभी शिकायतों पर अब जांच शुरू होगी. इनमें से जो लोकपाल के अधिकार क्षेत्र में नहीं होगी उसे खारिज कर दिया जाएगा और शिकायतकर्ता को इसकी सूचना दी जाएगी.
लोकपाल का नहीं है अपना स्थाई दफ्तर
आपको बता दें कि लोकपाल के पास अब तक अपना कोई स्थाई दफ्तर नहीं है. यह अभी अशोका होटल से अपना काम कर रहा है. सरकार ने स्थायी दफ्तर के लिए जंतर-मंतर के पास NDMC बिल्डिंग में जगह के लिए् सुझाव दिया है, लेकिन यह लोकपाल के कर्मचारियों के लिए उपयुक्त नहीं है. ऐसे में स्थाई दफ्तर की तलाश जारी है. आपको बता दें कि लंबे इंतजार के बाद इसी साल मार्च में लोकपाल जस्टिस पीसी घोष और आठ सदस्यों की नियुक्ति हुई और लोकपाल ने अपना काम शुरू किया है.
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