जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किए जाने के बाद से ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद का इस मसले पर केंद्र सरकार का लगातार हमला जारी है. उन्होंने एक बार फिर मोदी सरकार पर कश्मीर को राजनीतिक और आर्थिक रूप से बर्बाद करने का आरोप लगाया.
राज्य की बदली हुई व्यवस्था के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने एक बार फिर मोदी सरकार पर कश्मीर को राजनीतिक और आर्थिक रूप से बर्बाद करने का आरोप लगाया. हरियाणा के चुनाव मुद्दों पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कश्मीर में राजनीतिक नेतृत्व पिछले तीन हफ्ते से नजरबंद है.
उन्होंने कहा कि राज्य के फल उत्पादक अपनी फसल को लेकर चिंतित हैं. पर्यटक वहां नहीं जा रहे हैं. सरकार ने सब कुछ बर्बाद कर दिया है.
इससे पहले भी वह कई मौकों पर सरकार को घेर चुके हैं. जम्मू-कश्मीर में मौजूदा स्थिति को लेकर पिछले हफ्ते कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि एक तरफ सरकार कहती है कि सब कुछ सामान्य है और दूसरी ओर वे हमें वहां जाने नहीं दे रही. ऐसी पसोपेश की स्थिति हमने पहले कभी नहीं देखी. अगर हालात सामान्य हैं तो कई नेता नजरबंद क्यों हैं.
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद को पिछले हफ्ते एक बार फिर जम्मू-कश्मीर जाने से रोक दिया गया. आजाद को जम्मू हवाई अड्डे पर रोक दिया गया और उन्हें वापस दिल्ली भेज दिया गया. इससे पहले भी गुलाम नबी आजाद को श्रीनगर एयरपोर्ट पर रोककर वापस भेजा गया था. तब गुलाम नबी आजाद स्थानीय कांग्रेस नेताओं के साथ कश्मीर के हालात पर बैठक करने गए थे.
आठ विपक्षी पार्टियों के 11 सदस्य शनिवार को श्रीनगर पहुंचे थे, जिनकी अगुवाई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी कर रहे थे. इस दल में उनके अलावा डी राजा, शरद यादव, माजिद मेनन और मनोज झा भी विमान में मौजूद थे.
हालांकि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने इन नेताओं को राज्य में आने से मना कर दिया और एयरपोर्ट से बाहर नहीं निकलने दिया. प्रशासन का दावा था कि इन नेताओं के आने से घाटी का माहौल खराब हो सकता है. इससे पहले एनसीपी के नेता माजिद मेनन ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि हमारा उद्देश्य गड़बड़ी करना नहीं है. हम सरकार के विरोध में नहीं जा रहे, हम सरकार के समर्थन में जा रहे हैं, ताकि हम भी सुझाव दें कि क्या किया जाना चाहिए.
आनंद पटेल