कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन की सरकार मंगलवार को विश्वास मत नहीं मिलने के कारण गिर गई. जिसके बाद से भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश में सरकार बनाने की जुगत में जुटी हुई है. इस बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या विपक्ष में रहते हुए भी कांग्रेस और जेडीएस का गठबंधन कायम रह पाएगा?
गठबंधन के भविष्य के सवाल पर कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि गठबंधन के भविष्य को लेकर दोनों दलों के बीच किसी प्रकार की बातचीत नहीं हुई है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस चाहती है कि गठबंधन आगे भी बना रहे तो हमें कोई ऐतराज नहीं होगा.
कुमारस्वामी ने कहा, 'गठबंधन के भविष्य को लेकर हमारे बीच किसी प्रकार की चर्चा नहीं हुई है. हम भी स्वतंत्र हैं और कांग्रेस भी. अगर गठबंधन आगे भी जारी रहता है या कांग्रेस साथ में मिलकर आगे भी काम करना चाहती है तो हम आगे भी साथ में काम करेंगे. अगर कांग्रेस अपना हाथ पीछे खींचती है तो हम स्वयं काम करेंगे और अपनी पार्टी को मजबूत करेंगे.'
2018 के चुनाव में भाजपा थी सबसे बड़ी पार्टी
2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में जीतकर सामने आई. वहीं, कांग्रेस को 78 सीटें और जेडीएस को 38 सीटें मिलीं. इसके अलावा 2 सीटें अन्य दलों को प्राप्त हुईं.
सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद भाजपा सरकार बनाने में असफल रही और देखते ही देखते कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सत्ता पर कब्जा कर लिया. कांग्रेस और जेडीएस के गठबंधन वाली सरकार ने सदन में बहुमत प्राप्त किया और जेडीएस के एचडी कुमारस्वामी राज्य के मुख्यमंत्री बनाए गए.
हालांकि, मंगलवार को यह सरकार विधानसभा में विश्वास मत हासिल नहीं कर पाई, जिसके बाद एक और राज्य कांग्रेस के हाथ से निकल गया. इस बीच कई बार ऐसे मौके भी आए जब कांग्रेस और जेडीएस के बीच मनमुटाव की खबरें आईं. हालांकि, इससे सरकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा.
अब जब गठबंधन की सरकार गिर गई है, तो सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि क्या गठबंधन में रहकर सरकार चलाने वाले दोनों दल आगे भी साथ रह पाएंगे. कुमारस्वामी की बातों से लगता है कि वो गठबंधन के साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं. देखना होगा कि क्या कांग्रेस इसके लिए तैयार होती है या फिर वो अकेले ही आगे का रास्ता तय करेगी?
aajtak.in