कर्नाटक सरकार गिरने के बाद पहली बार कार्यकारी मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने इशारा किया कि कर्नाटक में भविष्य में भी राजनीतिक अस्थिरता बनी रहेगी.
एचडी कुमारस्वामी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मैं उन अधिकरियों को धन्यवाद करना चाहता हूं, जिन्होंने कार्यकाल के 14 महीनों में मेरी मदद की.
कुमारस्वामी ने कहा कि जब सरकार को धमकी दी जा रही थी, अधिकरियों ने मेहनत से काम किया, जिसकी वजह से राज्य में वित्तीय अनुशासन ठीक रहा. मैंने उनसे कहा है कि भविष्य में भी राजनीतिक अस्थिरता रहेगी. नहीं जानता कि आगे क्या होगा. अधिकारियों की जिम्मेदारी बढ़ेगी.
कुमारस्वामी ने कहा कि मैंने कर्ज से राहत दिलाने के लिए डेब्ट रिलीफ एक्ट की शुरुआत की थी. अधिकारियों से मैंने कहा था कि इसमें आर्थिक मदद करें. लोगों ने मदद की. जिन्होंने महाजनों से कर्ज लिया था, उनकी सहायता की जाएगी.
कुमारस्वामी ने कहा कि हमने कर्ज माफी के अलावा ऋण राहत अधिनियम को भी फिर से लागू किया. इसे राष्ट्रपति ने 16 जुलाई को मंजूरी दे दी. 23 जुलाई को मेरी सरकार का आखिरी दिन था. इससे पहले ये अधिनियम लागू हुआ, जिससे भूमिहीन श्रमिकों को राहत मिलेगी.
कुमारस्वामी ने कहा कि मैं संतुष्ट महसूस करता हूं कि मैं यह प्रावधान लाया. जिन लोगों ने ब्रोकर या प्राइवेट संस्थानों से कर्ज लिया है, वे अपने संबंधित जिलों के सहायक आयुक्तों को विवरण प्रस्तुत कर सकते हैं, जिनका ऋण 90 दिनों में माफ कर दिया जाएगा.
मंगलवार को कर्नाटक विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के दौरान मुख्यमंत्री कुमारस्वामी असफल हो गए थे. कर्नाटक में मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार ने बहुमत खो दिया था.
मंगलवार को कर्नाटक विधानसभा में विश्वासमत प्रस्ताव एचडी कुमारस्वामी ने पेश किया था. विश्वास मत के पक्ष में 99 वोट पड़े जबकि विरोध में 105 वोट पड़े.
विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस के 12 बागी विधायकों को मंगलवार सुबह 11 बजे उपस्थित रहने के लिए समन भेजा था लेकिन उन्होंने निजी कारणों का हवाला देकर बेंगलुरु आने में असमर्थता जाहिर करते हुए मुलाकात के लिए चार सप्ताह का समय मांगा था.
दो निर्दलीय विधायकों- आर. शंकर और एच. नागेश के आठ जुलाई को मंत्री पद से इस्तीफा देते हुए सरकार से समर्थन लेकर बीजेपी में चले गए. जिसके बाद बीजेपी के पास 107 विधायक हो गए. इनमें उसके अपने 105 विधायक हैं.
नागार्जुन