विमानन कंपनी जेट एयरवेज के आर्थिक संकट ने राजनीतिक रूप ले लिया है. कंपनी की आर्थिक दुर्गति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दरवाजे तक पहुंच गई है, साथ ही जेट एयरवेज के एक कर्मचारी की आत्महत्या ने भी इस मामले को तूल दे दिया है. कांग्रेस ने इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए उनसे जेट कर्मचारियों के परिवारों को जवाब देने की मांग की है.
वहीं, जेट एयरवेज के पायलटों का प्रतिनिधित्व करने वाले नेशनल एविएटर गिल्ड ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील है कि कंपनी को कर्ज देने वाले भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को आदेश दिया जाए कि कर्मचारियों का एक महीने का वेतन जारी करे. गिल्ड ने पीएम से यह भी अपील की है कि विमानों का रजिस्ट्रेशन बैन खत्म करने के निर्देश भी दिए जाएं .
त्रासदी से बचाने की अपील
एनएजी के अध्यक्ष करण चोपड़ा ने पीएम मोदी से कहा, 'हम आपसे तुरंत और मानवीय आधार पर एसबीआई को सभी कर्मचारियों को एक महीने का वेतन जारी करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध करते हैं. किंगफिशर एयरलाइन के ठप होने के बाद हम एक और मानवीय त्रासदी को दोहराते नहीं देखना चाहते'.
एनएजी की इन आशंकाओं के बीच शनिवार को मुंबई से ही हैरान करने वाली खबर सामने आई. मुंबई के नालासोपारा में जेट के एक सीनियर टेक्निशियन ने अपनी बिल्डिंग की छत से कूदकर खुदकुशी कर ली. कहा जा रहा है कि वह कैंसर की बीमारी और आर्थिक तंगी के चलते बेहद तनाव में थे. 45 साल के शैलेश का बेटा भी जेट एयरवेज के संचालन विभाग में कार्यरत है. बताया जा रहा है कि बेटे को भी कंपनी में अस्थायी निलंबन के कारण कोई वेतन नहीं मिल रहा है.
कांग्रेस ने PM को घेरा
इस घटना को कांग्रेस ने भी उठाया है. कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा है कि जेट एयरवेज के कर्मचारी की आत्हत्या की घटना चौंकाने वाली है. आनंद शर्मा ने पीएम मोदी को जेट एयरवेज की हालत के लिए जिम्मेदार बताते हुए कहा कि कंपनी के 22000 हजार कर्मचारी और उनके परिवार निराशा में हैं.
आनंद शर्मा ने आरोप लगाया है कि जेट एयरवेज की जो हालत हुई है, उसके पीछे एक आपराधिक साजिश है जिसकी जांच होनी चाहिए. बता दें कि जेट एयरवेज आर्थिक तंगी से गुजर रही है, जिसके चलते कंपनी अस्थायी तौर पर बंद हो गई है और उसके हजारों कर्मचारी सड़क पर आ गए हैं.
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