लेटलतीफी की फजीहत से बचने को रेलवे ने 300 ट्रेनों का रनिंग टाइम बढ़ाया

ट्रेनों की लेटलतीफी से हो रही फजीहत से बचने के लिए रेलवे ने तकरीबन 300 ट्रेनों के आगमन समय में बदलाव किया है. उत्तर रेलवे ने 95 ट्रेनों का आगमन समय बढ़ा दिया है, जिससे इन ट्रेनों का रनिंग टाइम बढ़ गया है.

Advertisement
भारतीय रेलवे भारतीय रेलवे

राम कृष्ण / सिद्धार्थ तिवारी

  • नई दिल्ली,
  • 14 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 5:21 PM IST

ट्रेनों की लेटलतीफी से हो रही फजीहत से बचने के लिए रेलवे जोन ने अनूठे तरीके से ट्रेनों के अराइवल टाइम को बढ़ाकर रनिंग टाइम को लंबा कर दिया है. देशभर में तकरीबन 300 ट्रेनों के आगमन समय में तब्दीली की गई है. रेलवे जोनों ने इसके लिए अपने लेवल पर फैसला लिया है.

उत्तर रेलवे की बात करें, तो उसने 95 ट्रेनों का आगमन समय बढ़ा दिया है, जिससे इन ट्रेनों का रनिंग टाइम बढ़ गया है. उत्तर रेलवे ने 12 जुलाई से इन ट्रेनों का आगमन समय 15 से लेकर 60 मिनट तक बढ़ाया है.

Advertisement

हालांकि रेलवे अधिकारियों ने इस फैसले के पीछे यह दावा किया है कि इससे रेलवे के यात्रियों को ट्रेनों के सही समय के आगमन का पता चलता रहेगा और इसी के साथ यह भी कहा गया कि यह व्यवस्था कुछ समय के लिए की गई है, क्योंकि रेलवे ट्रैक पर जगह-जगह मेंटेनेंस का काम चल रहा है. इस वजह से ट्रेनों के आगमन में देरी हो रही है. लिहाजा ट्रेनों के रनिंग टाइम में मेंटेनेंस के ब्लॉक को भी ध्यान में रखा गया है.

ट्रेनों के आगमन समय में बढ़ोतरी का फैसला उत्तर रेलवे ने 12 जुलाई से ही लागू कर दिया है. उदाहरण के तौर पर ट्रेन नंबर 14041 दिल्ली-देहरादून दिल्ली-मसूरी एक्सप्रेस, ट्रेन नंबर 14096 हिमालयन क्वीन एक्सप्रेस, ट्रेन नंबर 13119 सियालदह आनंद विहार टर्मिनल एक्सप्रेस, ट्रेन नंबर 14022 सीकर दिल्ली सराय रोहिल्ला एक्सप्रेस, ट्रेन नंबर 14218 प्रयाग चंडीगढ़ ऊंचाहार एक्सप्रेस और ट्रेन नंबर 15903 डिब्रूगढ़ चंडीगढ़ एक्सप्रेस के आगमन समय में 45 मिनट की देरी की गई है.

Advertisement

इसी तरह से दूसरी अन्य ट्रेनों के आगमन समय में भी बदलाव किया गया है. ट्रेनों की लेटलतीफी की सबसे ज्यादा समस्या उत्तर रेलवे, दक्षिण रेलवे और पूर्व मध्य रेलवे में है. लिहाजा उत्तर रेलवे ने तकरीबन 95 ट्रेनों, दक्षिण रेलवे ने 92 और पूर्व मध्य रेलवे ने 90 ट्रेनों का रनिंग टाइम बढ़ाया है.

इसके अलावा देश के अन्य रेलवे जोनों ने भी इसी तरह से कई गाड़ियों के आगमन समय को बढ़ाकर लेटलतीफी को कम करने की कोशिश की है, लेकिन सवाल यह उठता है कि इस तरह की कोशिशों से समस्या का फौरी निदान होता हुआ तो दिखेगा, लेकिन लोगों की परेशानी जस की तस रहेगी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement