चीनी युद्धपोतों पर होगी पैनी नजर, नौसेना खरीदने जा रही 10 ड्रोन

ये ड्रोन फास्ट ट्रैक प्रक्रिया के तहत खरीदे जाएंगे. इनकी खरीद अगले एक साल में कर ली जाएगी. इन ड्रोन्स की खरीद खुली बोली के जरिए की जा सकती है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर (पीटीआई) प्रतीकात्मक तस्वीर (पीटीआई)

मंजीत नेगी

  • नई दिल्ली,
  • 15 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 12:46 AM IST

  • फास्ट ट्रैक प्रक्रिया से होगी ड्रोन की खरीद
  • बड़े युद्धपोतों पर तैनात किए जाएंगे ड्रोन

भारत और चीन के बीच चल रहे तनाव के बीच अब नौसेना भी ड्रोन खरीदेगी. सरकार की ओर से तीनों सेनाओं के लिए ड्रोन अपग्रेड करने की मंजूरी दिए जाने के तुरंत बाद ही नौसेना ने 10 निगरानी ड्रोन खरीदने का फैसला किया है. ये ड्रोन नौसेना के पोत से टेकऑफ करेंगे और भारतीय जलक्षेत्र में चीन के युद्धपोत पर बारीक नजर रखेंगे.

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सरकार के सूत्रों ने आजतक को बताया कि ये ड्रोन फास्ट ट्रैक प्रक्रिया के तहत खरीदे जाएंगे. इनकी खरीद अगले एक साल में कर ली जाएगी. इन ड्रोन्स की खरीद खुली बोली के जरिए की जा सकती है. नौसेना की योजना इन ड्रोन्स को बड़े आकार के युद्धपोत पर तैनात करने की है. इससे चीन के साथ ही भारतीय जल क्षेत्र के आसपास अन्य विरोधियों की गतिविधियों का पता लगाने में भी सहायता मिल सकेगी. इन ड्रोन्स को निगरानी और टोही गतिविधियों के लिए युद्धपोतों पर तैनात किए जाने की संभावना है.

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गौरतलब है कि भारतीय नौसेना संयुक्त राज्य अमेरिका से सी गार्जियन (Sea Guardian) ड्रोन प्राप्त करने के लिए भी एक परियोजना पर काम कर रही है. वह इससे अलग है. इसके जरिए देश के जल क्षेत्रों में अपनी निगरानी का विस्तार करने की योजना है, जो मेडागास्कर से लेकर मलक्का जलडमरू और उससे आगे तक पहुंचती है.

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नौसेना अपने पास मौजूद ड्रोन्स को भी अपग्रेड कर रही है. यह भी अपग्रेड प्रोग्राम का हिस्सा है. हाल ही में इस पर रक्षा मंत्रालय में चर्चा हुई थी. गौरतलब है कि चीन के साथ लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर चल रहे तनाव के बीच फ्रांस से पांच राफेल विमान भी भारत आए थे. इससे भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ी है. अब नौसेना भी अपनी क्षमता में इजाफा करने में जुटी है.

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