पुलवामा हमलाः जिम्मेदारी लेने वाले आतंकियों को सेना ने चुन-चुनकर मारा

सेना से मिली जानकारी के मुताबिक पुलवामा हमले के मात्र 45 दिनों के अंदर शामिल जैश का सफाया कर दिया गया है. इसके लिए सेना ने टेक्निकल और इंलेटिजेंस पर आधारित ऑपरेशन किए. इसके लिए सेना ने बड़े पैमाने पर डेटा विश्लेषण किया. इनमें जैश का वो कैडर भी शामिल है जिन्हें गिरफ्तार किया गया है, या फिर दूसरे देशों से डिपोर्ट किया गया है.

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सेना के ऑपरेशन में मारे गए आतंकी मोहम्मद उमर, और इब्राहिम (फोटो-ANI) सेना के ऑपरेशन में मारे गए आतंकी मोहम्मद उमर, और इब्राहिम (फोटो-ANI)

मंजीत नेगी

  • नई दिल्ली,
  • 22 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 9:55 PM IST

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले के बाद सेना ने आतंकियों को चुन-चुन कर मारा है. सेना ने पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के टॉप कमांडरों का सफाया कर दिया है. सेना के सूत्रों ने ये जानकारी दी है. इस साल सेना ने जम्मू-कश्मीर में अबतक 66 आतंकियों को मार गिराया है. इनमें से 27 आतंकी जैश-ए-मोहम्मद के हैं. इनमें से पुलवामा हमले के बाद 19 आतंकियों को सेना ने ढेर किया है.

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सेना से मिली जानकारी के मुताबिक पुलवामा हमले के मात्र 45 दिनों के बाद हमले में शामिल जैश का सफाया कर दिया गया है. इसके लिए सेना ने टेक्निकल और इंलेटिजेंस पर आधारित ऑपरेशन किए. इसके लिए सेना ने बड़े पैमाने पर डेटा विश्लेषण किया. इनमें जैश का वो कैडर भी शामिल है जिन्हें गिरफ्तार किया गया है, या फिर दूसरे देशों से डिपोर्ट किया गया है. सेना ने बताया है कि पुलवामा हमले के बाद इस हमले में सीधे शामिल 4 आतंकियों को मार दिया गया जबकि दूसरे 4 आतंकियों को अलग-अलग ठिकानों से गिरफ्तार/डिपोर्ट किया गया.

सेना ने जिन आतंकियों को मारा उनके नाम कामरान (18 फरवरी) मुदासिर अहमद खान (11 मार्च) सज्जाद बट (11 मार्च) हैं. कामरान  पुलवामा जिले का जैश का डिस्ट्रिक्ट कमांडर था. इसे आतंकियों ने पिंगलेना गांव में मार गिराया. 11 मार्च को मुदासिर और सज्जाद बट त्राल में मारे गए. मुदासिर स्थानीय नागरिक था और इसने हमले के लिए फिदायीन हमलावर आदिल अहमद डार को मदद मुहैया कराई थी. मुदासिर ने विस्फोटकों को ले जाने में अहम रोल अदा किया था. सज्जाद बट अनंतनाग का रहने वाला था. पुलवामा हमले में इस्तेमाल मारुति इको इसी के नाम पर रजिस्टर्ड थी.  

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निसार अहमद और सज्जाद नाम के दो आतंकी अभी एनआईए की कस्टडी में हैं. ये दोनों पुलवामा हमले में शामिल थे. निसार अहमद को यूएई से डिपोर्ट किया गया था. इस शख्स को पुलवामा हमले के जानकारी पहले से ही थी. पुलवामा हमले से 2 सप्ताह पहले ही वह देश छोड़कर भाग गया था. मुदासिर और निसार पाकिस्तान के यासिर नाम के आतंकी से संपर्क में थे. यासिर बम और विस्फोटकों का एक्सपर्ट था. माना जाता है कि पुलवामा हमले में इस्तेमाल विस्फोटकों को तैयार करने में इसने अहम रोल निभाया था. सूत्र बताते हैं कि पुलवामा हमले के बाद सेना ने जैश के 40 ओवरग्राउंड समर्थकों से सूचना इकट्ठा की और ऑपरेशन को अंजाम दिया.

सज्जाद को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था. 29 मार्च 2019 को श्रीनगर के बाहरी इलाके में सेना ने 2 विदेशी आतंकवादियों को मार गिराया. इसमें  मुहम्मद उमर शामिल था. मुहम्मद उमर मसूद अजहर के भाई इब्राहिम अजहर का बेटा था. उमर मई 2018 में जम्मू-कश्मीर आया था और वह जम्मू-कश्मीर में जैश चीफ ऑपरेशनल कमांडर था. सेना का कहना है कि उमर पुलवामा घटना से जुड़ा जैश का सबसे बड़ा आतंकी था, जिसे सेना ने मार गिराया.

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