मानव विकास मामले में भारत 131वें स्थान पर, 63 फीसदी लोग भारत में खुश

यह रिपोर्ट साल 2015 की है, 2014 में भी भारत 131वें पायदान पर था. रिपोर्ट के अनुसार, कुल 63 प्रतिशत भारतीय 2014-15 में अपने जीवन स्तर से खुश हैं. भारत का एचडीआई रैंक मूल्य 2015 में 0.624 रहा जो 2010 में 0.580 था.

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सयुंक्त राष्ट्र की रिपोर्ट सयुंक्त राष्ट्र की रिपोर्ट

BHASHA

  • नई दिल्ली,
  • 23 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 8:54 AM IST

सयुंक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत मानव विकास सूचकांक में 188 देशों की सूची में 131वें स्थान पर है. एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के बावजूद भी भारत इस रिपोर्ट में पाकिस्तान, भूटान और नेपाल की श्रेणी में शामिल है. भारत इस रिपोर्ट में अपनी पिछले वर्ष की रैंकिंग पर बरकरार है. रिपोर्टे के अनुसार, दुनिया में भारत और चीन में विदेशी निवेश के मामले में सभी की पसंद हैं, इसलिये यहां पर लगातार विदेशी निवेश बढ़ रहा है.

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यह रिपोर्ट साल 2015 की है, 2014 में भी भारत 131वें पायदान पर था. रिपोर्ट के अनुसार, कुल 63 प्रतिशत भारतीय 2014-15 में अपने जीवन स्तर से खुश हैं. भारत का एचडीआई रैंक मूल्य 2015 में 0.624 रहा जो 2010 में 0.580 था.

रिपोर्ट के मुताबिक इसमें जीवन प्रत्याशा 2015 में 68.3 रही तथा प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय 5,663 डालर रही, सुरक्षित महसूस करने की धारणा के आधार पर 69 प्रतिशत ने ‘हां’ में जवाब दिया. विकल्प की आजादी के मामले में 72 प्रतिशत महिला प्रतिभागियों ने संतुष्टि जतायी जबकि पुरूषों के मामले में यह 78 प्रतिशत था. रिपोर्ट के अनुसार भारत ने जीवन संतुष्टि के मामले में 1-10 के पैमाने पर 4.3 अंक प्राप्त किया.

बता दें मानव विकास सूचकांक (HDI) एक सूचकांक है, जिसका उपयोग देशों को “मानव विकास” के आधार पर आंकने के लिए किया जाता है। इस सूचकांक से इस बात का पता चलता है कि कोई देश विकसित है, विकासशील है, अथवा अविकसित है. मानव विकास सूचकांक (HDI) का इस्तेमाल किसी देश के मानव विकास के स्‍तर को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है. इसके जरिए किसी देश में बुनयादी मानवीय सुविधाओं की औसत प्राप्ति को मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) द्वारा नापा जाता है.

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