US खुफिया रिपोर्ट- चीनी जनरल ने दिया था गलवान में हमले का आदेश, लेकिन उल्टा पड़ा दांव

भारत और चीन के बीच जो तनाव जारी है उसपर अमेरिकी खुफिया एंजेसी ने एक रिपोर्ट जारी की है. अमेरिकी मीडिया में इस रिपोर्ट को छापा गया है, जो कई तरह के खुलासे करती है.

Advertisement
लद्दाख बॉर्डर के पास बढ़ रही है हलचल (PTI) लद्दाख बॉर्डर के पास बढ़ रही है हलचल (PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 जून 2020,
  • अपडेटेड 8:24 AM IST

  • भारत और चीन विवाद पर अमेरिकी इंटेलिजेंस की रिपोर्ट
  • चीन ने पूरी प्लानिंग से किया था LAC पर हमला
  • चीन के मुताबिक नहीं हुआ हमला, हुआ ज्यादा नुकसान

भारत और चीन के बीच पिछले कुछ वक्त से तनाव लगातार जारी है और पिछले हफ्ते बॉर्डर पर 20 भारतीय जवानों की मौत के बाद स्थिति काफी बिगड़ गई है. चीन इसको लेकर कितने भी झूठ बोलता रहे, लेकिन सच सामने आ ही रहा है. अमेरिकी इंटेलिजेंस रिपोर्ट का दावा है कि चीन का भारत के जवानों पर हमला सोची समझी चाल थी. इसके लिए चीनी आर्मी में जनरल रैंक के अफसर ने मौके पर मौजूद जवानों को ऑर्डर दिया था, जिसका नतीजा एक खूनी झड़प हुआ.

Advertisement

अमेरिकी इंटेलिजेंस के अनुसार, जनरल झाओ झोंग्की जो कि चीनी आर्मी के वेस्ट थियेटर कमांड के प्रमुख हैं. उन्होंने ही भारतीय बॉर्डर पर इस एक्शन का आदेश दिया था. झाओ पहले भी भारत के खिलाफ काफी एक्शन लेते आए हैं और उनका मानना रहा है कि अमेरिका और उसके मित्र देशों के सामने चीन को कमजोर नहीं पड़ना चाहिए. और भारतीय सैनिकों पर हमला उसी की एक चाल थी. लेकिन चीन ने जैसा सोचा था ये हमला वैसा नहीं गया और उल्टा उसके सैनिकों को अधिक नुकसान हो गया.

अमेरिकी रिपोर्ट कहती है कि चीन की ओर से पहले से ही ऐसी झड़प को प्लान किया गया था, जिसमें उसके भी करीब 35 जवान मारे गए हैं. (हालांकि, ये चीन मानने को तैयार नहीं है) चीन चाहता है कि भारत उसके आसपास के देशों के साथ ही उलझकर रह जाए, ताकि अमेरिका से दूरी बनी रहे. लेकिन भारतीय लगातार चीन के खिलाफ एक्शन ले रहे हैं फिर चाहे सरकारी स्तर पर हो या फिर आम लोगों के स्तर पर.

Advertisement

LAC: 11 घंटे की बैठक में सेना की दो टूक- पीछे हटे चीन, आज लेह जाएंगे आर्मी चीफ

अमेरिकी इंटेलिजेंस की रिपोर्ट भी दावा करती है कि चीन ने गलवान घाटी के पास काफी हथियार जमा किए हैं और अपना एक इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया है. 15 जून की घटना को लेकर कहा गया है कि जब भारत के कुछ अफसर और जवान चीन से बात करने पहुंचे तो चीनी सैनिक पहले से ही हथियारों के साथ घात लगाकर बैठे थे जिसके बाद उन्होंने हमला कर दिया. जब दूसरे भारतीय सैनिक बचाव के लिए आए तो दोनों सेनाओं में खूनी झड़प हुई.

लेकिन चीन की ओर से इस पूरी घटना का आरोप भारतीय सैनिकों पर लगा दिया गया और अपने सैनिकों के मारे जाने की खबर को दबा लिया गया. अमेरिकी एजेंसी का मानना है कि चीन ने जैसा सोचा था, ये वैसा नहीं हुआ. यहां तक कि चीनी सरकार द्वारा अधिकृत मीडिया ने भी इस बारे में इतना कुछ नहीं छापा. इस घटना को लेकर चीनी सोशल मीडिया में जो भी लिखा गया, उसपर चीन ने सेंसर कर दिया.

इतना ही नहीं चीनी सेना ने अपने मारे गए सैनिकों के लिए एक मेमोरियल सर्विस भी रखा लेकिन उसे किसी की नज़र में नहीं आने दिया. जनरल झाओ झोंग्की इससे पहले वियतनाम की लड़ाई और फिर 2017 में हुए डोकलाम के स्टैंड ऑफ में भी अहम भूमिका निभा चुका है.

Advertisement

आपको बता दें कि इस पूरे मसले पर अमेरिका की ओर से लगातार बयान दिया गया है. एक ओर व्हाइट हाउस और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों में समझौता कराने की बात कही है तो दूसरी ओर विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने पूरी तरह से चीन को ज़िम्मेदार ठहराया है. साथ ही चीन भी अमेरिका के द्वारा भारत का समर्थन करने से चिढ़ा हुआ है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement