चीन के दावे पर भारत ने कहा- 6 जून की सहमति को लागू करें दोनों देश

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने चीन के दावे के उलट कहा कि सीनियर कमांडर्स के बीच 6 जून को बनी सहमति को दोनों देशों को ईमानदारी से लागू किया जाना चाहिए. अतिरंजित और अस्थिर दावे करना समझ के विपरीत है.

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लद्दाख में सीमा सुरक्षा में लगेे बीएसएफ के जवान (AFP) लद्दाख में सीमा सुरक्षा में लगेे बीएसएफ के जवान (AFP)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 जून 2020,
  • अपडेटेड 9:10 AM IST

  • MEA- दोनों पक्ष जिम्मेदार तरीके से स्थिति संभालने को राजी
  • MEA- अतिरंजित और अस्थिर दावे करना समझ के विपरीत
  • चीन का दावा- गलवान घाटी की संप्रभुता हमेशा चीन से संबंधित
लद्दाख के गलवान घाटी को लेकर भारत और चीन के बीच तनाव की स्थिति लगातार बनी हुई है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कल कहा था कि गलवान घाटी क्षेत्र की संप्रभुता हमेशा चीन से संबंधित रही है. इस पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि दोनों पक्ष समग्र स्थिति को जिम्मेदार तरीके से संभालने के लिए समहत हुए हैं.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि जैसा कि हमने पहले बताया है कि आज (बुधवार) विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर की चीन के स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री के बीच लद्दाख के वर्तमान हालात को लेकर फोन पर बातचीत हुई है. दोनों पक्षों ने इस बात पर भी सहमति व्यक्त की है कि समग्र स्थिति को एक जिम्मेदार तरीके से संभाला जाना चाहिए.

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उन्होंने कहा कि सीनियर कमांडर्स के बीच 6 जून को बनी सहमति को दोनों देशों को ईमानदारी से लागू किया जाना चाहिए. अतिरंजित और अस्थिर दावे करना समझ के विपरीत है.

चीनी प्रवक्ता ने क्या कहा था

इससे पहले गलवान घाटी में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कल बुधवार को कहा था कि गलवान घाटी क्षेत्र की संप्रभुता हमेशा चीन से संबंधित रही है. चीन नहीं चाहता है कि आगे किसी तरह भी की तरह की झड़प हो.

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चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिजियन ने आगे कहा कि गलवान घाटी क्षेत्र की संप्रभुता हमेशा चीन से संबंधित रही है. सीमा से जुड़े मुद्दों और हमारी कमांडर स्तर की वार्ता की सर्वसम्मति पर के बाद भी भारतीय सेना ने सीमा पार किया. भारतीय सेना ने हमारी सीमा प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है.

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चीनी विदेश मंत्रालय ने यहां तक कहा कि हम भारत से अपने सीमावर्ती सैनिकों को सख्ती से अनुशासित करने, उल्लंघन और उकसावे वाली गतिविधि को एक बार में रोकने, चीन के साथ काम करने की सलाह देते हैं. हम भारत को बातचीत के माध्यम से मतभेदों को सुलझाने के लिए सही रास्ते परचीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता आने के लिए कहते हैं. उन्होंने कहा कि हम राजनयिक और सैन्य अफसरों के माध्यम से बातचीत कर रहे हैं.

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