बंगाल इमाम एसोसिएशन ने भूमि पूजन को बताया ‘इस्लाम विरोधी’

निजामुद्दीन मरकज की घटना का हवाला देते हुए इमाम एसोसिएशन ने आरएसएस-बीजेपी पर भी निशाना साधा. साथ ही उनकी कार्रवाइयों को इस्लाम के खिलाफ प्रोपेगंडा बताया. एसोसिएशन ने आरएसएस-बीजेपी को हिन्दुत्व से अलग कर देखने के लिए कहा है.

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भूमि पूजन का समर्थन मुस्लिम विरोधी (फाइल फोटो- पीटीआई) भूमि पूजन का समर्थन मुस्लिम विरोधी (फाइल फोटो- पीटीआई)

मनोज्ञा लोइवाल

  • कोलकाता,
  • 10 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 9:42 PM IST

  • बीजेपी-आरएसएस के सहयोगी मुस्लिम खुद को ‘सही’ करें
  • राम राज्य की नींव नहीं, मुस्लिम विरोधी भावना का है जश्न
बंगाल इमाम एसोसिएशन ने एक नया फरमान जारी किया है, जिसमें राम मंदिर भूमि पूजन के समर्थन को "इस्लाम विरोधी" बताया गया है. इमाम एसोसिएशन ने बयान जारी कर दक्षिणपंथियों की कड़ी आलोचना की है, साथ ही गंभीर परिणाम की बात भी कही है.

निजामुद्दीन मरकज की घटना का हवाला देते हुए इमाम एसोसिएशन ने आरएसएस-बीजेपी पर भी निशाना साधा. साथ ही उनकी कार्रवाइयों को इस्लाम के खिलाफ प्रोपेगंडा बताया. एसोसिएशन ने आरएसएस-बीजेपी को हिन्दुत्व से अलग कर देखने के लिए कहा है.

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एसोसिएशन की ओर से कहा गया कि "ये राम राज्य या हिन्दू राष्ट्र की नींव नहीं है बल्कि मुस्लिम विरोधी भावना का सालाना जश्न आरएसएस-बीजेपी का सालाना धर्म है."

बंगाल इमाम एसोसिएशन ने आगे कहा कि "बीजेपी-आरएसएस के जो सहयोगी हैं वो खुद को 'सही' करें अन्यथा ये उनकी मुस्लिम के तौर पर पहचान को खत्म कर देगा. बंगाल इमाम एसोसिएशन, बाबरी मस्जिद के विध्वंस और मंदिर के निर्माण के खिलाफ खड़ा है."

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एसोसिएशन ने दोहराया कि आरएसएस-बीजेपी के साथ उनकी "लड़ाई" जारी रहेगी.

मोहम्मद याहिया

एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद याहिया ने कहा, "यह उन मुसलमानों को चेतावनी देना है जो आरएसएस-बीजेपी का समर्थन कर रहे हैं. उन्हें अब यह तय करना चाहिए कि वे आने वाले दिनों में किसे समर्थन देना चाहते हैं. यह कोई फतवा नहीं है, लेकिन उन्हें यह समझने की जरूरत है कि वे उन्हें मदद कर रहे हैं जो मुसलमानों को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं."

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एसोसिएशन की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी आलोचना की गई. बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से संसद में प्रवेश करने के दौरान संविधान के सामने झुकने और उसके बाद भूमि पूजन में बैठने पर सवाल उठाया.

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बयान में कहा गया कि संविधान मे जो लिखा है, उसका मखौल बनाया गया है, ये किसी भी लोकतांत्रिक देश में कल्पना से परे है. एसोसिएशन ने आरएसएस के बयान वाले पत्र को निहित स्वार्थों की ओर से उकसावा करार दिया.

जिष्णु बसु

आरएसएस की पश्चिम बंगाल इकाई के सचिव जिष्णु बसु ने कहा, “अगर आपको लगता है कि बंगाल में मुस्लिम समुदाय मूर्ख है तो आप सबसे बड़ी गलती करने जा रहे हैं. राजनीतिक दल पिछले कुछ दशकों से इस समुदाय को धोखा देते रहे हैं. वाम मोर्चा मुस्लिम समुदाय का सबसे अच्छा दोस्त होने का दिखावा करता है लेकिन सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार बंगाल में समुदाय की सीआईओ-आर्थिक स्थिति किसी भी अन्य राज्यों की तुलना में खराब बताई गई थी. पिछले 10 वर्षों से, जिहादी गतिविधियों को राजनीतिक ताकतों ने बढ़ावा दिया. कालियाचक के खागरागढ़ बम विस्फोट की घटना में पुलिस स्टेशन पर जिहादी हमला किया गया. सिमुलिया मदरसा में राजनीतिक दलों की ओर से देश विरोधियों का समर्थन किया गया.”

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बसु ने कहा कि “पश्चिम बंगाल में आम मुसलमान ये सब पसंद नहीं करते. वे अपने बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा, अपने युवाओं के लिए रोजगार और समुदाय की समग्र समृद्धि चाहेंगे, जो ये राजनीतिक ताकतें देने में विफल रहीं. इसलिए मुझे लगता है कि इस बार मुस्लिम समुदाय साजिश को समझेगा और उसे नाकाम करने के लिए कदम उठाएगा.”

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