8 राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक दर्जा देने की मांग, 4 मई को सुनवाई

आठ राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा देने के लिए बीजेपी नेता और अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने जनहित याचिका दायर की थी. इस पर दिल्ली हाईकोर्ट 4 मई को सुनवाई करेगा.

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दिल्ली हाईकोर्ट (Photo- India Today) दिल्ली हाईकोर्ट (Photo- India Today)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली ,
  • 28 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 1:39 PM IST

  • 8 राज्यों में हिंदुओं को मिले अल्पसंख्यक का दर्जा
  • केंद्र और अल्पसंख्यक मंत्रालय को जारी किया नोटिस

दिल्ली हाईकोर्ट ने हिंदुओ को आठ राज्यों में अल्पसंख्यक का दर्जा देने के आदेश की जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया है. हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और अल्पसंख्यक मंत्रालय नोटिस जारी किया है. मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट 4 मई को सुनवाई करेगा.

बीजेपी नेता और अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने जनहित याचिका दायर की थी. सरकार की ओर से 26 साल पुराने अध्यादेश जिसमें पांच समुदायों मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी को अल्पसंख्यक घोषित करने को चुनौती देने वाली याचिका थी.

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अश्विनी उपाध्याय ने अपनी याचिका में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम 1992 की धारा 2 (सी) को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की थी. इसी कानून के तहते 23 अक्टूबर 1993 को उक्त अध्यादेश जारी किया गया था.

याचिका में मांग की गई थी कि राष्ट्रीय स्तर पर अल्पसंख्यक दर्जे का निर्धारण न हो, बल्कि राज्य में उस समुदाय की जनसंख्या को देखते हुए नियम बनाने के निर्देश दिए जाएं.

उपाध्याय ने अल्पसंख्यकों से जुड़े इस अध्यादेश को स्वास्थ्य, शिक्षा, आवास जैसे मौलिक अधिकारों के खिलाफ बताया था. याचिकाकर्ता का कहना था कि राष्ट्रीय स्तर पर हिंदू भले बहुसंख्यक हों लेकिन आठ राज्यों में वे अल्पसंख्यक हैं, इसलिए उन्हें इसका दर्जा दिया जाना चाहिए.

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