हर कोई करंसी नोट का मूल्य तो जानता है लेकिन बहुत कम को ही पता होगा कि उस करंसी नोट पर लागत कितनी आती है? अलग अलग मूल्य के नोटों पर कितनी लागत आती है, ये जानने के लिए इंडिया टुडे ने सूचना के अधिकार (RTI) रूट का सहारा लिया.
RTI के तहत भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण (P) लिमिटेड से सवाल किया गया- “अलग अलग मूल्यों के नोट प्रिंट करने पर सरकार का कितना पैसा खर्च होता है?”
इस पूरी कवायद का नतीजा इस जवाब के साथ सामने आया. भारत सरकार 2000 रुपए के एक करंसी नोट पर 4.18 रुपए खर्च करती है. इसी तरह 500 रुपए के एक नोट पर 2.57 रुपए और 100 रुपए के एक नोट पर 1.51 रुपए सरकार का ख्रर्च आता है.
जहां तक 10 रुपए के एक करंसी नोट का सवाल है तो सरकार इस पर 1.01 रुपए खर्च करती है. हैरानी की बात है कि 20 रुपए के नोट पर 10 रुपए के नोट की तुलना में एक पैसा कम खर्च होता है. वहीं 50 रुपए के नोट पर भी सरकार को 10 के नोट की तरह 1.01 रुपए ही खर्च करने पड़ते हैं.
नए करंसी नोट
| मूल्य(रू.) | रु. में लागत प्रति 1000 नोट | लागत प्रति नोट |
| 10 | 1010 | 1.01 |
| 20 | 1000 | 1 |
| 50 | 1010 | 1.01 |
| 100 | 1510 | 1.51 |
| 500 | 2570 | 2.57 |
| 2000 | 4180 | 4.18 |
हमने ये भी जानना चाहा कि 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी में जिन 500 और 1000 रुपए मूल्य के नोटों का विमुद्रीकरण किया गया, उन्हें प्रिंट करने पर सरकार का कितना खर्च आता था. 500 रुपए के पुराने नोट को प्रिंट करने पर 3.09 रुपए खर्च आता था. इसके मायने ये है कि अब प्रचलन में जो 500 के नए नोट हैं, उन्हें प्रति नोट प्रिंट करने पर 52 पैसे कम खर्च आता है. इसी तरह रद्द हो चुके 1000 रुपए के पुराने नोट को प्रिंट करने पर सरकार के 3.54 खर्च होते हैं. अब 1000 रुपए का नोट तो रहा नहीं लेकिन नोटबंदी के बाद प्रचलन में आए 2000 रुपए के नोट पर 4.18 रुपए खर्च होते हैं. यानि पुराने 1000 के नोट से 64 पैसे ज्यादा.
पुराने करंसी नोट
| मूल्य | लागत प्रति 1000 नोट | लागत प्रति नोट |
| Rs 500 | 3090 | 3.09 |
| Rs 1000 | 3540 | 3.54 |
अजीत तिवारी / खुशदीप सहगल / अशोक उपाध्याय