भीड़ को काबू करने के लिए मनोवैज्ञानिक तरीके अपनाए पुलिसः राजनाथ

शनिवार को इसी विशेष बल का 25वां यानी सिल्वर जुबली स्थापना दिवस मनाया गया, जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शिरकत की. इस अवसर पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमने जो शानदार परेड देखी है, इससे हम इतना कह सकते हैं कि मेरे बहादुर जवान पर पूरे हिंदुस्तान को नाज़ है.

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RAF के सालगिरह कार्यक्रम में राजनाथ RAF के सालगिरह कार्यक्रम में राजनाथ

जितेंद्र बहादुर सिंह

  • मेरठ,
  • 07 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 2:08 PM IST

देश में दंगा और हिंसा रोकने के लिए गठित विशेष बल रैपिड एक्शन फोर्स यानी RAF आज अपनी 25वीं सालगिरह मना रहा है. रेपिड एक्शन फोर्स हमेशा से ही दंगा निरोधक दल के तौर पर विख्यात रहा है. चाहे हरियाणा में डेरा प्रमुख को सजा सुनाए जाने के बाद भड़की हिंसा से निपटने का मामला हो या फिर साल 1992 में मुजफ्फरपुर में हुए दंगों की घटना के बाद हालात को काबू करना का मामला....RAF पिछले 25 से लगातार अपनी सेवाएं दे रहा है.

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शनिवार को इसी विशेष बल का 25वां यानी सिल्वर जुबली स्थापना दिवस मनाया गया, जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शिरकत की. इस अवसर पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमने जो शानदार परेड देखी है, इससे हम इतना कह सकते हैं कि मेरे बहादुर जवान पर पूरे हिंदुस्तान को नाज़ है. आज RAF कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्यों की पूरी मदद कर रहा है. सांप्रदायिक दंगे हो या फिर भीड़ को नियंत्रित करने का जिम्मा....RAF पूरी तरफ उस पर खरी उतरती है.

 RAF की पांच नई बटालियन गठित

केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि 25 वर्षो में RAF ने अपनी बेहतरीन शाख बनाई है. लिहाजा RAF की पांच नई बटालियन गठित की गई है. वो एक जनवरी 2018 से अपना ऑपरेशन शुरू कर देगी. 21वीं सदी की पुलिस को निर्मम नहीं होना चाहिए. अब पुलिस शालीनता के साथ काम करे और ये काम रैपिड एक्शन फ़ोर्स कर रही है. जब भी कठोरता से निपटना हो, तो उसमें RAF विवेक का इस्तेमाल करे. अब लेस लीथल वेपन का इस्तेमाल करते हुए रैपिड एक्शन फोर्स काम कर रही है. फिर भी जरूरत हो, तो भीड़ और हिंसा पर काबू करने के लिए पुलिस मनोवैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल करे.

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2022 तक नए भारत का निर्माण करना चाहते हैं: राजनाथ

राजनाथ ने कहा कि हम साल 2022 तक ऐसे नए भारत का निर्माण करना चाहते हैं, जो जातिवाद और संप्रदायवाद से परे हो. पहले जवानों को वर्दी दी जाती थी, वो सिली सिलाई होती थी. पर अब जवानों को वर्दी के लिए 10 हजार रुपये मुहैया करा दिए जाते हैं, जिससे वो अपनी फिटिंग की वर्दी सिलवा सकें. दरअसल, रेपिड एक्शन फोर्स देश की सबसे बड़ी आंतरिक सुरक्षा फोर्स सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) का ही हिस्सा है.

देशभर में RAF की 10 बटालियन

देशभर के 10 शहरों में रेपिड एक्शन फोर्स की 10 बटालियन हैं, जिनको जरूरत पड़ने पर संवेदनशील इलाकों में तैनात किया जाता है. ये बटालियन अलीगढ़, इलाहाबाद, जमशेदपुर, भोपाल, हैदराबाद, कोयंबटूर, मुंबई, अहमदाबाद, मेरठ और दिल्ली में हैं. इसके अलावा पांच और बटालियन देश के अन्य शहरों में अगले साल में तैनात हो जाएंगी.

RAF ने विदेशों में भी शांति बल के तौर पर दी सेवाएं

इस फोर्स की नीले रंग की पोशाक है, जो शांति की प्रतीक है. देश में आंतरिक सुरक्षा पर अपनी ड्यूटी करने के साथ ही RAF हैती, कोसोव और लाइबेरिया जैसे देशों में  भी शांति बल के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुका है. दरसल, रेपिड एक्शन फोर्स के पास ऐसे हथियार होते हैं, जिनसे आम लोगों को बहुत कम चोटें आती हैं. RAF अपने इन विशेष हथियारों से भीड़ को आसानी से नियंत्रित कर लेती है. रेपिड एक्शन फोर्स समय के साथ बदल भी रहा है. इसका आधुनिक भी हो रहा है.

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