दिमाग की थकान मिटाने के लिए भी फेसबुक देखते हैं कर्मचारी

65 फीसदी लोगों का यह मानना है कि सोशल मीडिया के उपयोग से उनका काम बेहतर होता है क्योंकि इससे उन्हें नई जानकारियां मिलती हैं और सबसे अहम बात यह है कि वे अपनी मानसिक थकान को दूर करते हुए फिर काम में मन लगा सकते हैं.

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प्रियंका झा

  • न्यूयॉर्क,
  • 24 जून 2016,
  • अपडेटेड 7:14 AM IST

बॉस लोग कृपया ध्यान दें. अगली बार अगर आप अपने किसी कर्मचारी को फेसबुक देखने में तल्लीन पाएं तो उसका असल मतलब यह है कि आपका वह कर्मचारी काम से होने वाली मानसिक थकान को दूर भगाने की कोशिश कर रहा है. एक रिसर्च के मुताबिक कर्मचारी काम के दौरान सोशल मीडिया का इस्तेमाल कई वजहों से करते हैं. इनमें से एक बड़ी और सबसे आम वजह यह होती है कि वे कुछ देर के लिए काम से ब्रेक लेते हुए खुद को रिफ्रेश करना चाहते हैं.

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प्यू रिसर्च सेंट द्वारा अमेरिका के 2003 व्यस्क लोगों पर किए गए शोध के मुताबिक इसमें शामिल करीब 34 फीसदी लोगों ने कहा कि वे सोशल मीडिया का इस्तेमाल काम से होने वाली दिमागी थकान को दूर करने के लिए करते हैं.

सर्वे के मुताबिक, सोशल नेटवर्किंग डिजिटल प्लेटफॉर्म लोगों को काम की क्वालिटी सुधारने का मौका देते हैं. साथ ही ये अपने साथी कर्मचारियों से बेहतर संबंध कायम रखते हुए अपनी कंपनी के लिए और ज्यादा उपयोगी साबित हो सकते हैं.'

रिपोर्ट में कहा गया है कि 27 फीसदी लोग काम के दौरान सोशल मीडिया का उपयोग दोस्तों और रिश्तेदारों से संपर्क के लिए करते हैं जबकि 24 फीसदी इसका उपयोग पेशेवर संपर्कों के लिए करते हैं. 20 फीसदी लोग ऐसे हैं, जो सोशल मीडिया का उपयोग करते हुए जो सूचना हासिल करते हैं, वे काम के दौरान उनकी समस्याओं का हल निकालते हैं जबकि 17 फीसदी अपने सहकर्मियों के साथ बेहतर संबंध बनाए रखने के लिए इसका उपयोग करते हैं.

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साथ काम करने वालों की जानकारी हासिल करते हैं
युवा कर्मचारी सोशल मीडिया पर ऐसी जानकारियां हासिल करते हैं, जिनसे सहकर्मियों के साथ उनके रिश्ते बेहतर होते हैं. या फिर उनके बारे में उनकी पूर्वनिर्धारित सोच में बदलाव आता है. ऐसे कर्मचारियों का प्रतिशत 23 है और इनकी उम्र 18 से 29 साल की है.

कुल मिलाकर 65 फीसदी लोगों का यह मानना है कि सोशल मीडिया के उपयोग से उनका काम बेहतर होता है क्योंकि इससे उन्हें नई जानकारियां मिलती हैं और सबसे अहम बात यह है कि वे अपनी मानसिक थकान को दूर करते हुए फिर काम में मन लगा सकते हैं. इनमें से 17 फीसदी कर्मचारी ऐसे भी हैं, जिनका मानना है कि वे काम से जुड़े मसलों के लिए शायद ही कभी इंटरनेट का उपयोग करते हैं और 25 फीसदी ऐसे भी हैं, जो कहते हैं कि वे इस कारण के लिए इंटरनेट का उपयोग कभी नहीं करते.

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