खबरदार! ब्रेड खाने से हो सकता है कैंसर, जांच में देश के सभी पॉपुलर ब्रांड के प्रॉडक्ट हुए फेल

ब्रेड तो उसी आटे या मैदे से बनता है, जिससे बनी रोटियां हर घर में खाई जाती है. उससे भला कैंसर या कोई खतरनाक बीमारी कैसे हो सकती है. ऐसे सवालों का जवाब यह है कि दिक्कत आटे में नहीं, बल्कि ब्रेड बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले केमिकल्स में है. यह केमिकल्स दुनिया के बहुत से देशों में तो बहुत पहले बैन किए जा चुके हैं.

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रिसर्च में सामने आई खतरनाक केमिकल्स के इस्तेमाल की सच्चाई रिसर्च में सामने आई खतरनाक केमिकल्स के इस्तेमाल की सच्चाई

केशव कुमार / बालकृष्ण / संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 23 मई 2016,
  • अपडेटेड 12:11 PM IST

अगर आपको बताया जाए कि आप दिन की शुरुआत ही खाने की ऐसी चीज से कर रहे हैं जिससे कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है तो आपके होश उड़ जाएंगे. लेकिन सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की एक स्टडी में यही खतरनाक सच सामने आया है. शहर के ज्यादातर घरों में दिन की शुरुआत ब्रेड से होती है. इसे आसान, सुविधाजनक, पौष्टिक और स्वादिष्ट माना जाता है. खासतौर पर अकेले रहने वाले लोगों के लिए तो इसे एक वरदान जैसा है.

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शहरों में रोजाना ब्रेड की बड़ी खपत
ब्रेड तो उसी आटे या मैदे से बनता है, जिससे बनी रोटियां हर घर में खाई जाती है. उससे भला कैंसर या कोई खतरनाक बीमारी कैसे हो सकती है. ऐसे सवालों का जवाब यह है कि दिक्कत आटे में नहीं, बल्कि ब्रेड बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले केमिकल्स में है. यह केमिकल्स दुनिया के बहुत से देशों में तो बहुत पहले बैन किए जा चुके हैं.

पोटाशियम ब्रोमेट और पोटैशियम आयोडेट है केमिकल्स का नाम
वहीं भारत में अभी भी इसका धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है. केमिकल्स का नाम है पोटैशियम ब्रोमेट और पोटैशियम आयोडेट. दुनिया के तमाम देशों में ब्रेड और बेकरी की दूसरी चीज बनाने में इन केमिकल्स के इस्तेमाल पर पहले ही बैन लग चुका है.

पढ़ेंः ब्रेड को खतरनाक बनाते हैं ये केमिकल्स, 10 बोरी मैदा में आधी चुटकी भी जानलेवा

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कई देशों में इन केमिकल्स पर पाबंदी
अमेरिका, इंग्लैंड, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, चीन, श्रीलंका, ब्राजील, नाइजीरिया, पेरू और कोलंबिया तमाम वह देश है जहां पर इन केमिकल्स के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगी हुई है. हैरानी की बात है कि भारत में खाने-पीने की चीजों पर निगरानी रखने वाली संस्था FSSAI इस मामले में अभी तक आंखें मूंद रखी हैं.

ब्रेड खाने से कैंसर और थायराइड का खतरा
ब्रेड के बारे में स्टडी में मुख्य भूमिका निभाने वाले सेंटर फॉर साइंस एंड इनवायरमेंट के चंद्रभूषण कहते हैं कि एक नहीं बल्कि तमाम रिसर्च यह साबित हो चुका है कि पोटैशियम ब्रोमेट पेट के कैंसर और किडनी की पथरी जैसी बीमारियों से जुड़ा हुआ है. इसी तरह से ब्रेड में पोटाशियम आयोडेट होने से शरीर में जरूरत से ज्यादा आयोडीन चला जाता है.

नजरअंदाज नहीं कर सकने लायक खतरे
नतीजा यह होता है कि थायराइड ग्लैंड में गड़बड़ी होने लगती है. चूंकि ब्रेड एक ऐसी चीज है जिसे लोग लगातार रोज खाते हैं. इसीलिए इस से होने वाले खतरे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. पोटैशियम ब्रोमेट वह केमिकल है जिसके लगातार शरीर में जाने से कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है. इसी तरह पोटाशिम आयोडाइड से थायराइड से संबंधित दिक्कतें होती हैं.

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ब्रेड को आकर्षक बनाने के लिए केमिकल्स का इस्तेमाल
अब सवाल ये उठता है कि अगर यह केमिकल इतने खतरनाक है तो ब्रेड बनाने वाली कंपनियां इसका इस्तेमाल करती ही क्यों है. कंपनियां ब्रेड बनाने वाले आटे में इन केमिकल्स को इसलिए मिलाती है, क्योंकि इससे ब्रेड सफेद और मुलायम होता है. साथ ही बेहतर ढंग से फूलता है.

दिल्ली से लिए गए थे 38 सैंपल
सेंटर फॉर साइंस एंड इनवायरमेंट ने जांच के लिए दिल्ली में अलग-अलग जगह से ब्रेड के 38 सैंपल उठाए. इनमें से ज्यादातर, सैंपल में इन खतरनाक केमिकल समय से एक या दोनों पाए गए. ब्रिटेनिया, हार्वेस्टर गोल्ड, इंग्लिश ओवन, परफेक्ट प्रीमियम जैसे लोकप्रिय ब्रांड के ब्रेड में भी यह केमिकल पाए गए. तमाम फास्ट फूड और बर्गर की लोकप्रिय ब्रांड के बन और बर्गर में भी ऐसी ही हालात मिली.

पैकेट पर नहीं लिखी जाती है इसकी जानकारी
हैरानी की बात यह है कि ज्यादातर कंपनियां ब्रेड के पैकेट पर यह लिखती तक नहीं है कि वह अपने ब्रेड में पोटाशियम ब्रोमेट और पोटासियम आयोडेट का इस्तेमाल करती हैं. चंद्रभूषण बताते हैं कि उनकी जांच के लिए सैंपल सिर्फ दिल्ली से उठाए गए थे, लेकिन हालत पूरे देश में लगभग एक जैसे ही हैं. क्योंकि ब्रेड बनाने वाली ज्यादातर कंपनियां पूरे देश में एक जैसा ब्रेड ही सप्लाई करती हैं.

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सफेद ब्रेड में ज्यादा केमिकल्स
हानिकारक केमिकल्स के बारे में ब्रेड की जांच करने पर यह बात भी पता चली कि ज्यादा सफेद और मुलायम दिखने वाले ब्रेड ज्यादा खतरनाक हैं. वहीं ब्राउन ब्रेड और मल्टी ग्रेन ब्रेड में हानिकारक केमिकल्स की मात्रा कम पाई गई.

सरकार उठाएगी कड़े कदम
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा है कि उन्हें ब्रेड के बारे में इस स्टडी की जानकारी दी गई है. लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. इस पूरे मामले की जांच करने के बाद सरकार इस बारे में जरूरी कदम उठाएगी.

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