दर्द होने पर मां ने की मसाज, सांस रुकने से बेटे की मौत

यदि आप शरीर के किसी हिस्से में लबें समय से हो रहे किसी दर्द से छुटकारा पाने के लिऐ मालिश को एक बेहतर उपाय समझते है.तो यह खबर आपके लिऐ है.

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एड़ी में चोट लगी,मालिश पडीं मंहगी एड़ी में चोट लगी,मालिश पडीं मंहगी

BHASHA

  • नई दिल्ली,
  • 02 मई 2017,
  • अपडेटेड 5:57 PM IST

यदि आप शरीर के किसी हिस्से में लबे समय से हो रहे किसी दर्द से छुटकारा पाने के लिए मालिश को एक बेहतर उपाय समझते हैं तो यह खबर आपके लिए है. दिल्ली के 23 एक वर्षीय व्यक्ति को बैडमिंटन खेलते हुए एड़ी में चोट लगी,चोट लगने के बाद उसे अंदरूनी नसों में खून का थक्का जमने से होने वाला डीप वीन थ्रोम्बोसिस (डीवीटी) हो गया था और दर्द कम करने के लिए उसने अपनी मां से अपने पैर की मसाज कराई जिसके बाद उसकी मौत हो गई.

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गंभीर स्थिति है DVT
डीवीटी व्यक्ति की अंदरूनी नसों में खून का थक्का जमने से होती है. चिकित्सकों के अनुसार एड़ी में फ्रैक्चर के बाद अंदरूनी नसों में खून का थक्का जमना सामान्य नहीं है, लेकिन लोगों को मसाज करवाने में सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि कुछ मामलों में यह घातक साबित भी हो सकती है. एम्स के डॉक्टरों द्वारा पोस्टमार्टम किए जाने के दौरान यह मामला सामने आया. मेडिकल-लीगल जर्नल के ताजा अंक में यह मामला प्रकाशित हुआ है. पोस्टमार्टम से यह पुष्टि हुई कि 5 सेंटीमीटर लंबा और 1 सेंटीमीटर चौड़ा थक्का मसाज करने के कारण अपने स्थान से हट गया और फेफड़ों तक पहुंच गया, जिसके कारण रूकावट होने से व्यक्ति की तुरंत मौत हो गई.

दिल्ली निवासी इस व्यक्ति की गत वर्ष 15 सितंबर को बैडमिंटन खेलते हुए बायीं एड़ी में चोट लग गई थी, जिसके बाद उसे एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसके पैर को स्थिर रखने के लिए प्लास्टर लगाया गया. 17 अक्तूबर को प्लास्टर हटा दिया गया और वह सामान्य तौर पर चल सकता था. बाद में उसने बायीं पिंडली, बायीं एड़ी और पैर में दर्द तथा सूजन की शिकायत की जिसके बाद उसके टेस्ट किए गए जिसमें पता चला कि उसके पैर की नस में खून का थक्का जमा हुआ है.

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एम्स में एसोसिएट प्रोफेसर ऑफ फारेंसिक मेडिसिन चितरंजन बेहरा ने कहा, जब फिर से दर्द हुआ तो उसकी मां ने उसकी बायीं पिंडली की मसाज की. मसाज के बाद उसे सीने में तेज दर्द हुआ, सांस लेने में दिक्कत हुई और वह बेहोश हो गया. बेहरा के अनुसार व्यक्ति को बेहोशी की हालत मैं 31 अक्तूबर को एम्स के आपातकाल विभाग में लाया गया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका.

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