दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष रहे मनजीत सिंह जीके की मुश्किलें बढ़ गई हैं. पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मंजीत सिंह जीके के खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में दिल्ली पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं.
कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस 24 घंटे में एफआईआर दर्ज करके कोर्ट के आदेश के पालन की कंप्लायंस रिपोर्ट कोर्ट में पेश करे. एफआईआर दर्ज नहीं करने पर एसएचओ को कारण बताओ नोटिस भी थमाया और कहा कि डीसीपी बताएं कि इस मामले में एफआईआर दर्ज न होने पर उन्होंने एसएचओ पर क्या कारवाई करेंगे.
कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि पुलिस अधिकारी ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करने में दिलचस्पी ही नहीं दिखाई, जबकि इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के लिए पर्याप्त सबूत थे. कोर्ट ने कहा कि जब पुलिस ने अपनी जांच में ही यह मान लिया था कि भ्रष्टाचार के इस मामले में फर्जी आरोप लगाए गए हैं तो अब तक इस मामले में दिल्ली पुलिस एफआईआर दर्ज करने से परहेज क्यों करती रही.
हालांकि, दिल्ली पुलिस ने कहा कि कल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने हमारे नोटिस का जवाब दिया है और कुछ नए तथ्य जांच में सामने आए हैं. लेकिन कोर्ट दिल्ली पुलिस के अब तक के रवैये पर नाराजगी जताते हुए कहा कि आप 24 घंटे में इस मामले में एफआईआर दर्ज करें, आपकी बाकी बातें बाद में सुनी जाएंगी.
पुलिस ने कहा कि जिन दस्तावेजों की फोटोकॉपी को याचिकाकर्ता की तरफ से फर्जी बिल के तौर पर दिखाया गया है, उनके ओरिजिनल दस्तावेज पुलिस को अब तक नहीं मिले हैं. नाराज कोर्ट ने कहा कि पुलिस की अब तक कि जांच से असंतुष्ट होकर ही हम इस मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दे रहे हैं.
पटियाला हाउस कोर्ट ने कल भी इस मामले में सुनवाई करते हुए नई दिल्ली के डीसीपी को तलब करके कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए थे. हालांकि, डीसीपी ने आज एक अर्जी लगा कर कोर्ट को बताया कि पार्लियामेंट चलने के कारण उनकी ग्राउंड ड्यूटी है और इसीलिए वे इस मामले में खुद कोर्ट में पेश ना होकर अपने एसीपी को कोर्ट के सामने इस मामले से जुड़े तथ्यों को रखने के लिए भेज रहे हैं.
कौन है मनजीत और क्या हैं उस पर आरोप...?
मनजीत सिंह जीके 2013 से अब तक दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष रहे हैं. हाल ही में कमेटी को भंग कर दिया गया है. अब जब दोबारा चुनाव होंगे तभी नए अध्यक्ष का चयन होगा. मनजीत सिंह पर आरोप है कि 2016 में कनाडा से आया 51 करोड़ रुपए का डोनेशन का उन्होंने गबन किया. इसके अलावा दूसरा आरोप है कि उन्होंने करीब 38 लाख की उन किताबों का बिल पास कराया जो कभी छपी ही नहीं और पब्लिशर्स को चेक देकर वापस उनसे कैश पैसा वापस ले लिया.
तीसरा आरोप है कि उन्होंने एक कंपनी के साथ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के कुछ ट्रांजैक्शंस दिखाए जो कंपनी दरअसल उनकी बेटी और दामाद की थी और काफी दिनों से बंद पड़ी थी. दिल्ली गुरुद्वारा एक्ट के मुताबिक अध्यक्ष अपने ब्लड रिलेशन में किसी के साथ बिजनेस ट्रांजैक्शन नहीं कर सकता है.
पूनम शर्मा