पाकिस्तानी शख्स को दिल्ली के हॉस्पिटल ने दी नई जिंदगी

उरी में भारतीय सेना पर हुए सबसे बड़े आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों की कड़वाहट चरम पर है. लेकिन इसी दौरान दिल्ली के एक अस्पताल में एक पाकिस्तानी शख्स को नया जीवन देने के लिए उसका परिवार भारत और भारतीय डॉक्टरों का शुक्रिया करते नहीं थक रहा.

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फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल में हुआ जफर इकबाल का इलाज फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल में हुआ जफर इकबाल का इलाज

खुशदीप सहगल

  • नई दिल्ली,
  • 20 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 11:36 PM IST

उरी में भारतीय सेना पर हुए सबसे बड़े आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों की कड़वाहट चरम पर है. लेकिन इसी दौरान दिल्ली के एक अस्पताल में एक पाकिस्तानी शख्स को नया जीवन देने के लिए उसका परिवार भारत और भारतीय डॉक्टरों का शुक्रिया करते नहीं थक रहा.

दोनों किडनी नहीं कर रही थीं काम
पेशावर के रहने वाले 61 वर्षीय जफर खान को 1 सितंबर को फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. जब उन्हें लाया गया तो उनकी हालत बहुत खराब थी. उन्हें हीमोडायलिसिस पर रखा गया. सात साल पहले उनका हार्ट स्टैंट डाला गया था. जफर खान की दोनों किडनी काम नहीं कर पा रही थी. डॉक्टरों ने उन्हें किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी.

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क्यों आसान नहीं था जफर खान का ऑपरेशन?
हॉस्पिटल में इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी की एसोसिएट डायरेक्टर डॉक्टर अपर्णा जसवाल की अगुाई में डॉक्टरों की टीम ने जफर खान की मल्टीपल डिसिप्लिन सर्जरी की. डॉक्टर जसवाल ने बताया कि मरीज का दिल बहुत कमजोर था, इसलिए पहले उसे फिक्स करना था. डॉक्टर जसवाल के मुताबिक मल्टी डिसिप्लिन सर्जरी का ये सबसे चुनौती वाला काम था.

पाकिस्तान के किसी अस्पताल में नहीं मिला इलाज
जफर खान के बेटे इब्राहिम ने बताया कि पाकिस्तान में पिता के इलाज के लिए वो कई अस्पतालों में गए लेकिन किसी ने भी हामी नहीं भरी. सभी का ये कहना था कि इस तरह की मल्टी डिसिप्लिन सर्जरी का उनके पास इंतजाम नहीं है. जफर खान को सीआरटी के इम्पलान्टेशन की जरूरत थी, जो उनके लिए पाकिस्तान में कोई अस्पताल करने के लिए तैयार नहीं हुआ. इसके बाद ही जफर के परिवार ने उन्हें भारत लाने का फैसला किया.

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