K-9 वज्र तोप का अनावरण करने के दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि देश में पहली बार डिफेंस इन्वेस्टमेंट सेल का गठन होगा, जो देश के सैन्य बल को आत्म निर्भर बनाने के साथ उनके आधुनिकीकरण व निवेश को देखेगा. सूरत के हजीरा स्थित लार्सन एंड टूब्रो प्लांट में तैयार की गई K-9 वज्र तोप काफी एडवांस है. इसे ट्रैक्ड सेल्फ प्रोपेल्ड होवरक्राफ्ट तोप भी कहते हैं. इसमें कई ऐसी खूबियां हैं, जिसके चलते यह बोफोर्स तोप को भी पीछे छोड़ती है. बोफोर्स तोप जहां एक्शन में आने से पहले पीछे खिसकती है, तो वहीं K-9 वज्र तोप ऑटोमेटिक है.
इस तोप से 50 किलोमीटर दूर तक लक्ष्य को भेदा जा सकता है. रक्षा मामलों के जानकारों का कहना है कि K-9 वज्र एक ऑटोमेटिक चैनल बेस्ड आर्टिलरी सिस्टम है, जिसकी क्षमता 40 से 52 किलोमीटर तक है. इसके अलावा इसकी ऑपरेशनल रेंज 480 किलोमीटर है. इस तोप की खास बात यह भी है कि यह 15 सेकेंड में 3 गोले दाग सकती है.
राजनाथ सिंह ने कहा कि इससे पहले देश में यह बात सोची भी नहीं जाती थी कि सेना में निजी भागीदारी हो सकती है. इसका सबसे ज्यादा फायदा सेना को ही होगा. लार्सन एंड टूब्रो डिफेंस का स्ट्रेटजिक पार्टनर है, जो तोप बना रहा है. अब आर्म्ड व्हीकल भी बनाए जाएंगे. राजनाथ ने कहा कि देश की सेना की जरूरत के 500 कंपोनेंट अभी विदेश से आयात किए जा रहे हैं, लेकिन आने वाले समय में मेक इन इंडिया के तहत इनमें से ज्यादातर का निर्माण भारत में ही होगा.
राजनाथ सिंह ने कहा कि साल 2025 तक देश के सैन्य साजो-सामान का टर्नऑवर एक लाख 70 हजार करोड़ तक पहुंच जाएगा. इस क्षेत्र में करीब 2.3 करोड़ युवाओं को रोजगार देने की क्षमता है.
गोपी घांघर