रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तेजस में उड़ान भरने के बाद अब आईएनएस विक्रमादित्य पर पूरा दिन बिताएंगे. वह 29 सितंबर को गोवा पहुंचेंगे और अरब सागर में विमान वाहक पोत विक्रमादित्य पर पूरा दिन बिताएंगे.
रक्षा मंत्री मिसाइल दागने की क्षमता देखेंगे और नौसेना की कार्यप्रणाली समझेंगे. कुछ दिन पहले ही रक्षा मंत्री ने सबसे हल्के स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस में भी उड़ान भरी थी.
इससे पहले रक्षा मंत्री सिंह के 28 सितंबर को दोपहर बाद से 29 सितंबर को दोपहर से पहले तक आईएनएस विक्रमादित्य पर रहने का कार्यक्रम था. 28 सितंबर को ही आईएनएस खंडेरी को भी नौसेना में शामिल किया जाना है. नौसेना के उपप्रमुख वाइस एडमिरल जी अशोक कुमार ने यह जानकारी दी थी.
नौसेना के उपप्रमुख के अनुसार आईएनएस खंडेरी भारत की दूसरी स्कॉर्पियन वर्ग की मारक पनडुब्बी है, जिसे पी-17 शिवालिक वर्ग के युद्धपोत के साथ नौसेना में शामिल किया जाएगा. 28 सितंबर को ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा विमान वाहक ड्राइडॉक की आधारशिला भी रखी जानी है.
क्या है INS विक्रमादित्य
पुराने रक्षा साझीदार रूस से खरीदा गया आईएनएस विक्रमादित्य भारत का सबसे बड़ा जंगी जहाज है. शक्तिशाली विक्रमादित्य देश का इकलौता विमानवाहक पोत है, जिस पर रनवे भी बना हुआ है. समुद्र में तैरते इस हवाई अड्डे से लड़ाकू विमान आराम से उड़ान भरने के साथ ही लैंड कर सकते हैं. इसे छह साल पहले 2013 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था.
तेजस में भी भरी थी उड़ान
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इससे पहले स्वदेश निर्मित हल्के लड़ाकू विमान तेजस में भी उड़ान भरी थी. 19 सितंबर को तेजस में उड़ान भरने के बाद रक्षा मंत्री ने बताया था कि स्वदेसी विमान की विदेशों से भी मांग हो रही है. उन्होंने पायलट से इसकी खूबियों के संबंध में भी जानकारी ली थी.
मंजीत नेगी