विदेश में नौकरी या पढ़ाई के लिए जाने वाले लोगों के लिए अपने सर्टिफिकेट और शिक्षा के प्रमाण पत्र को अटेस्ट कराना बहुत मुश्किल और भाग-दौड़ वाला काम होता था. इसके लिए लोगों को अपने ओरिजिनल सर्टिफिकेट लेकर विदेश मंत्रालय के दफ्तरों में चक्कर काटना पड़ता था. इसकी सुविधा भी देश के सिर्फ 10 शहरों में ही थी.
लेकिन अब विदेश जाने वाले लोगों की यह मुसीबत दूर होने वाली है. विदेश मंत्रालय ने एक ऐसी सेवा की शुरुआत की है, जिसके जरिए विदेश जाने के लिए अपने सर्टिफिकेट को अटेस्ट कराने के लिए यहां-वहां घूमने की जरूरत ही नहीं होगी. सारा काम ऑनलाइन घर बैठे होगा. इसके लिए विदेश मंत्रालय ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ हाथ मिलाया है. इस सेवा का नाम ई-सनद है.
दिल्ली में बुधवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और आईटी के मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मिलकर इस सुविधा की शुरुआत की. फिलहाल इसे पायलट प्रयोग के तौर पर शुरू किया गया है, लेकिन जल्दी ही इसका विस्तार किया जाएगा. तेलंगाना इस सेवा को शुरू करने वाला देश का पहला राज्य होगा. पहले चरण में CBSE के सर्टिफिकेट ही अटेस्ट किया जा सकेंगे, लेकिन बाद में इसमें दूसरे विश्वविद्यालय और संस्थान भी शामिल कर लिए जाएंगे.
सर्टिफिकेट को ऑनलाइन अटेस्ट करने के लिए विदेश मंत्रालय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के डाटा बैंक का इस्तेमाल करेगा. मानव संसाधन विकास मंत्रालय एक 'परिणाम मंजूषा' तैयार कर रहा है, जिसके भीतर सभी सर्टिफिकेट और मार्कशीट डिजिटल फॉर्म में मौजूद रहेंगे.
जैसे ही कोई व्यक्ति विदेश जाने के लिए अपने सर्टिफिकेट अटेस्ट करने की अर्जी ऑनलाइन दाखिल करेगा, उसकी रिक्वेस्ट विदेश मंत्रालय के जरिए एचआरडी मिनिस्ट्री तक पहुंचेगी. विदेश मंत्रालय, एचआरडी मिनिस्ट्री के डाटा बैंक का इस्तेमाल करके सर्टिफिकेट का सत्यापन कर सकेगा और उसके बाद उस व्यक्ति को अपने सर्टिफिकेट की अटेस्टेड कॉपी मुहैया करा दी जाएगी.
बालकृष्ण / सुरभि गुप्ता