फेक न्यूज पर गृह मंत्रालय की संस्था ने जारी की रिपोर्ट, कहा- नफरत फैलाना है मकसद

ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ने फेक न्यूज की जांच करने वाले अधिकारियों को कुछ हिदायतें दी है. ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ने कहा है कि सबसे पहले यह पता किया जाए कि आखिरकार इस मैसेज का मकसद क्या है, यह किस जगह से जुड़ा हुआ है, साथ ही इसे किस नियत से पोस्ट किया गया है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

जितेंद्र बहादुर सिंह / कमलजीत संधू

  • नई दिल्ली,
  • 10 मई 2020,
  • अपडेटेड 5:23 PM IST

  • गृह मंत्रालय की संस्था BPRD ने जारी किया रिपोर्ट
  • 'साम्प्रदायिक विद्वेष फैलाता है फेक न्यूज'
ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (BPRD) ने फेक न्यूज पर अपनी विस्तृत रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंप दी है. 40 पेज की इस रिपोर्ट में BPRD जानकारी दी है कि फेक न्यूज कितने तरीके के होते हैं. उनको कैसे सपोर्ट किया जाता है, उनकी जांच किस तरीके से होती है.

बता दें कि ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट गृह मंत्रालय की एक संस्था है, जो पुलिस को तकनीक और डिजिटल से जुड़े विषयों की ट्रेनिंग देती है. ये संस्था पुलिस के लिए थिंक टैंक का काम करती है.

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रिपोर्ट की प्रमुख बातें

BPRD ने कहा है कि कोरोना वायरस के दौर में कई जानकारियां लगातार आ रही हैं. लिहाजा कानूनी एजेंसी सबसे पहले यह पता करें कि ऐसे फेक न्यूज का स्रोत क्या है. अपनी इस रिपोर्ट में BPRD ने बताया है कि स्रोत जानने के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई जाए.

कैसे फैलता है फेक न्यूज

इस संस्था ने बताया कि फेक न्यूज इमेज, वीडियो, ऑडियो, टेक्स्ट पोस्ट और यूआरएल लिंक से फैलता है. तबलीगी जमात से जुड़े एक वीडियो का जिक्र ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ने अपने अध्ययन में किया है. BPRD ने कहा है कि इसमें गलत तस्वीरें दिखाई गई थीं और इसका मकसद था समाज में द्वेष और वैमनस्य फैलाना. इसी तरीके से तबलीगी जमात का एक कथित ऑडियो मैसेज भी सोशल मीडिया में रिलीज किया गया था. ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ने वह भी मीडियो मैसेज फेक था.

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ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ने फेक न्यूज की जांच करने वाले अधिकारियों को कुछ हिदायतें दी है. ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ने कहा है कि सबसे पहले यह पता किया जाए कि आखिरकार इस मैसेज का मकसद क्या है, यह किस जगह से जुड़ा हुआ है, साथ ही इसे किस नियत से पोस्ट किया गया है.

अपनी रिसर्च में BPRD ने कई तरीके के फेक न्यूज और मैसेजेस का जिक्र किया है.

1. सरकार के यूपीआई आईडी में पैसे ट्रांसफर करने का मैसेज

2. सरकार के व्हाट्सएप अकाउंट पर पैसा ट्रांसफर करने का मैसेज

3. सरकार द्वारा पर्सनल प्रोटेक्शन किट नागरिकों को मुहैया कराने की फेक न्यूज़

4. तेलंगाना सरकार द्वारा 25 मार्च से ही शराब की दुकानें खोलने का आदेश

बीपीआरएंडी ने अपने रिपोर्ट के निष्कर्ष में कहा है कि फेक न्यूज का बहुत ही घातक परिणाम हो सकता है. ऐसे में एजेंसी फेक न्यूज फैलाने वालों पर नजर रखें और उनके स्रोत का पता कर तह तक जाए.

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