संसद का बजट सत्र तीन से पांच दिन तक बढ़ाया जा सकता है. इसको लेकर अंतिम निर्णय सोमवार को होगा. सरकार चाहती है कि तीन तलाक बिल इसी सत्र में पारित हो जाए. लंबित बिलों की संख्या देखकर होगा निर्णय. मंगलवार को पीएम मोदी ने बीजेपी सांसदों से कहा था कि सत्र बढ़ सकता है अतः उसी हिसाब से अपना कार्यक्रम बनाएं. पहले 26 जुलाई को सत्र खत्म होना था.
सरकार बचे हुए 15 बिलों को भी इसी सत्र में पास करवाना चाहती है. लंबित बिलों को पास करने के लिए एक हफ्ता ज्यादा लगेगा. जबकि विपक्ष ऐसा करने के पक्ष में नहीं है. खासकर कांग्रेस सत्र को बढ़ाने का विरोध कर रही है.
गौरतलब है कि जब से संसद का सत्र शुरू हुआ है विपक्ष मोदी सरकार पर नजरअंदाज करने का आरोप लगा रहा है. तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था, 'संसद सत्र के 13 दिनों में 7 बिलों को पारित किया गया. ये सभी अध्यादेश थे. सभी को किसी भी विधायी जांच के लिए नहीं भेजा गया. ये निराशाजनक है, सरकार ने 'क्रेडिट' छीन लिया. विपक्ष को नजरअंदाज किया जा रहा है.'
तृणमूल नेताओं का कहना था कि 14वीं और 15वीं लोकसभा के दौरान करीब 75 फीसदी बिल संसदीय समितियों के पास भेजे गए थे, जबकि 16वीं लोकसभा में सिर्फ 25 फीसदी बिल समितियों के पास भेजे गए थे.
अशोक सिंघल