आसनसोल के जमुरिया में शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए. दोनों पार्टी के कार्यकर्ता कट मनी को लेकर एक बैठक में शामिल हुए थे. कंगारू कोर्ट में चल रही इस बैठक में दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं में झड़प हो गई. इस घटना में दोनों पक्षों के कार्यकर्ता घायल हुए हैं. मामला शांत कराने के लिए घटनास्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, जमुरिया थाना अंतर्गत सिधपुर गांव के शिवनाथ घोष को इंदिरा आवास योजना के तहत एक आवास मिला था. स्थानीय तृणमूल नेता अभिजीत पाल और प्रशांत गोरई ने शिवनाथ से 30 हजार रुपए कट मनी ली थी. बीती रात एक कंगारू कोर्ट लगाया गया था. इसमें गांव के सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया था. स्थानीय लोगों ने बताया कि कंगारू कोर्ट संपन्न होते ही प्रशांत गोरई और पाल के कार्यकर्ता आपस में ही भिड़ गए. दोनों ओर के लोगों को चोटें आई हैं. स्थानीय लोगों के मुताबिक प्रशांत बीजेपी कार्यकर्ता है जबकि अभिजीत पाल तृणमूल पार्टी से जुड़ा है.
गौरतलब है कि बंगाल में कट मनी का चलन काफी ज्यादा है और इसके बिना कोई सरकारी योजना आगे नहीं बढ़ती. इस पर मचे बवाल के बाद अभी हाल में बंगाल की ममता सरकार ने फैसला किया कि कट मनी लेने वाले चुने गए जन प्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों को अब एक कड़े कानून के तहत आरोपी बनाया जाएगा. इसमें दोषी ठहराए जाने पर आजीवन कारावास का भी प्रावधान है.
कट मनी मामले में दोषी पाए जाने वाले जनप्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 409 के तहत आरोपी बनाया जाएगा. इस कानून के तहत दोषी ठहराए गए व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा या जुर्माने के अलावा 10 वर्ष तक के कारावास की सजा हो सकती है. यह फैसला पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में हंगामे के बाद लिया गया है, जिसमें सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं को भीड़ ने घेर लिया था और उनसे कट मनी वापस करने की मांग की थी.
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