बीजेपी ने सासंद शिव प्रताप शुक्ल को राज्यसभा में चीफ व्हिप नियुक्त किया

भारतीय जनता पार्टी ने सांसद शिव प्रताप शुक्ल को राज्यसभा में मुख्य सचेतक के पद पर नियुक्त किया. उच्च सदन में पार्टी के लिए व्हिप जारी करने की जिम्मेदारी अब उनके कंधों पर होगी. शिव प्रताप शुक्ल बीजेपी के दिग्गज नेता माने जाते हैं. वो गोरखपुर से आते हैं और बीजेपी में ब्राह्मणों के एक प्रभावी चेहरे को तौर पर देखे जाते हैं.

Advertisement
बीजेपी सांसद शिव प्रताप शुक्ल बीजेपी सांसद शिव प्रताप शुक्ल

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 21 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 12:23 PM IST

  • बीजेपी के ब्राह्मण चेहरा माने जाते हैं शिव प्रताप शुक्ल
  • योगी आदित्यनाथ के साथ शुक्ल का छत्तीस का आंकड़ा

भारतीय जनता पार्टी ने सांसद शिव प्रताप शुक्ल को राज्यसभा में मुख्य सचेतक के पद पर नियुक्त किया है. उच्च सदन में पार्टी के लिए व्हिप जारी करने की जिम्मेदारी अब उनके कंधों पर होगी. शिव प्रताप शुक्ल बीजेपी के दिग्गज नेता माने जाते हैं. वो गोरखपुर से आते हैं और बीजेपी में ब्राह्मणों के एक प्रभावी चेहरे को तौर पर देखे जाते हैं. ऐसे में बीजेपी ने उन्हें राज्यसभा में अहम जिम्मेदारी देकर राजनीतिक संदेश देने की कोशिश की है.

Advertisement

70 के दशक में छात्र राजनीति में आने वाले शिव प्रताप शुक्ल आपतकाल के दौरान 19 महीने जेल में रहे. विधानसभा में भी लगातार चार बार विधायक चुने गए. हारे तो संगठन में सक्रिय हुए और लो प्रोफाइल रहना शिव प्रताप शुक्ला की पहचान माना जता है. शिव प्रताप शुक्ल राज्यसभा संसद हैं और उन्हें पार्टी ने चीफ व्हिप के पद पर नियुक्त किया है.

ये भी पढ़ें: CM योगी को मोदी का पहला झटका दिया था, धुरविरोधी शिव प्रताप शुक्ल को मंत्री बनाकर

शिव प्रताप शुक्ल ने लगातार चार बार विधानसभा चुनाव जीता है. 1989, 1991, 1993 और 1996 में विधायक और यूपी के बीजेपी की सरकार में मंत्री भी रहे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ शिव प्रताप शुक्ल का छत्तीस का आंकड़ा रहा है. योगी ने एक दौर में गोरखपुर में अपने सियासी वर्चस्व कायम करने के लिए शिव प्रताप के खिलाफ अपना प्रत्याशी खड़ा करके उन्हें चुनाव हरवाया था. यहीं से दोनों के बीच सियासी अदावत शुरू हुई.

Advertisement

योगी ने शिव प्रताप शुक्ल की पूरी सियासत खत्म कर दी थी. वह बीजेपी में साइड लाइन कर दिए गए थे. इसके बावजूद बीजेपी के प्रति उन्होंने अपनी वफादारी नहीं छोड़ी. नरेंद्र मोदी जब 2014 में प्रधानमंत्री बने तो शिव प्रताप शुक्ल की 14 साल के बाद सियासी पुनरुद्धार हुआ था.

ये भी पढ़ें: 'जब योगी आदित्यनाथ ने बीजेपी उम्मीदवार को ही हरवा दिया था चुनाव'

पीएम मोदी ने पहले उन्हें राज्यसभा भेजा और फिर अपनी कैबिनेट में जगह देकर मंत्री बनाया था. इस बार मोदी सरकार में उन्हें जगह नहीं मिल सकी थी, लेकिन वो पार्टी में खामोशी से पड़े थे. शिव प्रताप शुक्ल को बीजेपी ने राज्यसभा में चीफ व्हिप बनाकर सबसे महत्वपूर्ण राज्य में जातिगत समीकरण के बैलेंस को भी संभालने की कोशिश की है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement