लोकसभा में पेश इस एक बिल से 105 कानून हो जाएंगे खत्म

गंगा नदी में नौवहन को प्रोत्साहित करने के लिए स्टीमर और नौकाओं से चुंगी वसूलने, युवाओं के संबंध में नुकसानदेह प्रकाशनों के प्रसार को रोकने संबंधी कानून समेत 105 पुराने एवं अप्रासंगिक कानूनों को निरस्त करने संबंधी एक विधेयक गुरुवार को लोकसभा में पेश किया गया. विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने निरसन और संशोधन विधेयक 2017 पेश किया.

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सबा नाज़ / BHASHA

  • नई दिल्ली,
  • 09 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 5:42 PM IST

गंगा नदी में नौवहन को प्रोत्साहित करने के लिए स्टीमर और नौकाओं से चुंगी वसूलने, युवाओं के संबंध में नुकसानदेह प्रकाशनों के प्रसार को रोकने संबंधी कानून समेत 105 पुराने एवं अप्रासंगिक कानूनों को निरस्त करने संबंधी एक विधेयक गुरुवार को लोकसभा में पेश किया गया. विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने निरसन और संशोधन विधेयक 2017 पेश किया.

प्रसाद ने कहा, 'अब तक हमने 1175 पुराने और अप्रासंगिक कानून को निरस्त किया है. इस विधेयक के माध्यम से 105 पुराने और अप्रासंगिक कानूनों को निरस्त किया जाएगा.' निरसन और संशोधन विधेयक 2017 के तहत राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के वेतन और पेंशन से जुड़े एक विधान को भी निरस्त किया जा सकेगा. इसके तहत गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम में संशोधन से जुड़े कानून को भी निरस्त किया जा सकेगा.

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इसके तहत गंगा चुंगी अधिनियम 1867 को भी निरस्त किये जाने वाले कानूनों की सूची में रखा गया है जिसमें यह प्रावधान किया गया था कि गंगा नदी में इलाहाबाद से दानापुर के बीच नौवहन को प्रोत्साहित करने के लिए '12 आना' से अधिक चुंगी नहीं वसूली जाएगी. इस सूची में युवाओं के संबंध में नुकसानदेह प्रकाशनों के प्रसार को रोकने संबंधी कानून को निरस्त करने की भी बात कही गई है.

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