गले में भगवा डाल गंगासागर में कपिल मुनि के मंदिर पहुंचीं ममता, देखें CM का अंदाज

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में छात्रों और शिक्षकों पर हुए हमले को बीजेपी का फासिस्ट सर्जिकल स्ट्राइक बताया है. बीजेपी पर हमला बोलते हुए सोमवार को उन्होंने कहा कि वह 'घड़ियाली आंसू' बहाना बंद करे.

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प. बंगाल की CM ममता बनर्जी प. बंगाल की CM ममता बनर्जी

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 07 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 12:16 AM IST

  • CM ममता ने कहा- घड़ियाली आंसू बहाना बंद करे बीजेपी
  • उन्होंने कहा- भारत एक लोकतंत्र, सबको प्रदर्शन करने का हक

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में छात्रों और शिक्षकों पर हुए हमले को बीजेपी का फासिस्ट सर्जिकल स्ट्राइक बताया है. बीजेपी पर हमला बोलते हुए सोमवार को उन्होंने कहा कि वह 'घड़ियाली आंसू' बहाना बंद करे. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो ने कहा कि उन्होंने अपना करियर बतौर छात्र नेता शुरू किया था. लेकिन शैक्षणिक संस्थानों पर ऐसा निर्लज हमला कभी नहीं देखा.

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ममता बनर्जी ने इसके बाद गंगासागर में कपिल मुनि के मंदिर जाकर दर्शन किए और पूजा-अर्चना की. इस दौरान उनके कंधे पर भगवा भी नजर आया. उन्होंने कहा, 'यह लोकतंत्र पर सुनियोजित हमला था. छात्र समुदाय पर यह फासिस्ट सर्जिकल स्ट्राइक थी. जो भी बीजेपी के खिलाफ आवाज उठाता है, उसे राष्ट्र-विरोधी या पाकिस्तानी कह दिया जाता है.

सीएम बनर्जी ने आगे कहा, 'भारत एक लोकतंत्र है और हर किसी को प्रदर्शन करने का हक है. जो भी उनके खिलाफ बोलता है, उसे राष्ट्र विरोधी ठहरा दिया जाता है. लोकतंत्र में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने पर किसी को पाकिस्तानी या राष्ट्र-विरोधी कैसे ठहराया जा सकता है. कपिल मुनि के मंदिर में दर्शन करने के बाद उन्होंने कहा, देश का लोकतंत्र, संस्थानों की निष्पक्षता और अभिव्यक्ति की आजादी खतरे में है. उन्होंने कहा, 'क्यों कोई बाहरी जेएनयू में जाकर छात्रों और शिक्षकों को बुरी तरह पीटेगा? उस वक्त यूनिवर्सिटी प्रशासन भी वहां मौजूद था लेकिन किसी ने उन्हें नहीं बचाया.'

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केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा,  'वह छात्रों, युवाओं, किसानों और उद्योगपतियों की आवाज दबा रही है.' ममता बनर्जी ने आगे कहा, 'अगर कोई सरकार सत्ता में आती है और संस्थाओं को बर्बाद करती है तो वह देश को आगे कैसे ले जा सकती है. यह देश के लिए बुरा संदेश है. गौरतलब है कि चार सदस्यों वाले टीएमसी डेलिगेशन को सोमवार को कैंपस के अंदर नहीं जाने दिया गया था.'

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