दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पूर्व सचिव राजेंद्र कुमार ने स्वैच्छिक सेवा नृवत्ति के लिए दिल्ली के मुख्य सचिव को चिट्ठी में लिखी है. रिटायरमेंट के बात राजेंद्र कुमार ने जन सेवा के लिए काम करने की बात कही है, हालांकि रिटायरमेंट लेने के बाद क्या वो राजनीति में आएंगे, इस बात से उन्होने साफ-साफ इनकार नहीं किया. राजेंद्र कुमार से जब पूछा गया कि क्या वो राजनीति के जरिए जन सेवा के काम के लिए उतरेंगे, कुमार ने कहा कि पब्लिक सर्विस करने के बहुत तरीके होते है उसमें से राजनीति भी एक है, हालांकि अभी मैंने इसके लिए सोचा नहीं है लेकिन जो भी सबसे अच्छे तरीका होगा लोगों की सेवा करने का उसे में जरूर अपनाउंगा.
राजेंद्र कुमार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी अधिकारी माने जाते हैं और पहली बार 2013 में दिल्ली में कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनने के बाद केजरीवाल ने ही कुमार को अपना प्रधान सचिन चुना था. उसके बाद केजरीवाल की सरकार जाने के बाद जब दोबारा सत्ता में आई तब भी कुमार ही उनके प्रधान सचिन बने रहे. दिसंबर 2015 में सीबीआई ने उनके खिलाफ कथित भ्रष्टाचार का मामला दर्ज कर गिरफ्तार करना लिया था जिसके बाद केजरीवाल ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला था.
कोर्ट में चल रहा है मामला
राजेंद्र कुमार फिलहाल निलंबित हैं और कोर्ट में उनके खिलाफ मामला चल रहा है, इस बीच उन्होंने वीआरएस के लिए आवेदन की गई चिट्ठी में चौंकाने वाला खुलासा करते हुए सीबीआई पर आरोप लगाया कि सीबीआई उन पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को फंसाने का आरोप लगा रही थी. चिट्टी में कुमार ने सीबीआई पर केस से जुडे लोगों पर अत्याचार करने का आरोप लगाया, इतना ही नहीं कुमार ने यहां तक कहा कि सीबीआई जैसी एजेंसी बिना सरकार के मंजूरी के ऐसा काम नहीं करती. जाहिर है ये हमला उन्होंने सीधे-सीधे केंद्र सरकार पर किया था.
सीबीआई द्वारा कथित करप्शन के बाद निलंबन झेल रहे राजेंद्र कुमार के पास ज्यादा ऑप्शन भी नहीं हैं, केस के लंबा खिंचने की संभावना के बाद कुमार ने स्वैच्छिक सेवा नृवत्ति का रास्ता अपना़या है और साथ में ये भी कहा कि वो जनता की सेवा करना चाहते हैं. ऐसे में सवाल है कि केजरीवाल के करीबी राजेंद्र कुमार राजनीति में आएंगे? और अगर वो राजनीति में आते हैं तो क्या वो आम आदमी पार्टी का दामन थामेंगे, केजरीवाल के करीबी होने के नाते चर्चा जोरों पर है.
आशुतोष मिश्रा