कमांडो बैज और टोपी पहननने वाले ग्रैंड मास्टर शीफूजी की हक़ीक़त खंगालेगी सेना

पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद सोशल मीडिया पर भी सेना के दीवानों की बाढ़ आ गई. मगर इस दीवानगी के बीच कुछ धोखा-धड़ी की शिकायतें भी सेना मुख्यालय पहुंची हैं. ऐसा ही एक मामला सोशल मीडिया पर खासे चर्चित हो रहे मास्टर शीफूजी का है.

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कथि‍त ग्रैंड मास्टर श‍िफूजी कथि‍त ग्रैंड मास्टर श‍िफूजी

मंजीत नेगी

  • नई दिल्ली,
  • 21 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 9:00 AM IST

पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद सोशल मीडिया पर भी सेना के दीवानों की बाढ़ आ गई. मगर इस दीवानगी के बीच कुछ धोखा-धड़ी की शिकायतें भी सेना मुख्यालय पहुंची हैं. ऐसा ही एक मामला सोशल मीडिया पर खासे चर्चित हो रहे मास्टर शीफूजी का है जो कमांडो बैज और टोपी पहने सेनाओं की बहादुरी पर वीडियो पोस्ट करता है, जिसे भारी लाइक औऱ शेयर मिलते हैं. मगर कई बार सेना की कमांडो वर्दी में नजर आने वाला और सेना की बात करने वाला यह शख्स कभी सेना में रहा है या नहीं इसको लेकर सवाल हैं.

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इसकी शिकायत सेना मुख्यालय भी पहुंची है. गुजरात से आए दो युवाओं ने मामले पर सेना मुख्यालय से ग्रैंड मास्टर शीफूजी पर धोखाधड़ी के तहत कार्रवाई करने को कहा है. वैसे यह पहला मामला नहीं है कि सेना के नाम पर कोई नटवरलाल लोगों को धोखा दे रहा हो. इससे पहले भी ऐसे मामले सामने आते रहे हैं. मगर ग्रैंडमास्टर शीफूजी शौर्य भारद्वाज के नाम से वीडियो पोस्ट करता है.

 

सूत्रों के मुताबिक इसका वास्तविक नाम दीपक दुबे है और उसने अपनी सोशल मीडिया पहचान भी कुछ समय पहले हासिल की है. बता दें कि फेसबुक, यू-ट्यूब और ट्विटर पर भी ना केवल भारी फॉलोइंग है, बल्कि उसके वीडियो को विज्ञापन भी मिलते हैं. ट्विटर पर उसके एक लाख 34 हजार फॉलोअर हैं. बीते दिनों सेना के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों ने भी सैनिक पहचान में नजर आने वाले शीफूजी के प्रचार पर ऐतराज दर्ज कराया था.

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हालांकि पहचान को लेकर उठे विवादों के बीच शीफूजी ने भी अब एक ताजा वीडियो में कहा कि उसने कभी पूर्व सैनिक होने का दावा नहीं किया. वैसे शीफूजी के अब भी कई वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर मौजूद हैं जिसमें उसे ना केवल कमांडो वर्दी और बैजेस के साथ दिखाया गया है, बल्कि उसकी पहचान कमांडो प्रशिक्षक के तौर पर बताई गई है. पहचान के साथ ही मामला भाषा का भी है. शीफूजी के वीडियो संदेशों में जमकर गाली-गलौच का इस्तेमाल होता है. सेना के नाम पर इस तरह की भाषा और पहचान के बेजा इस्तेमाल को लेकर सेना मुख्यालय ने मामले की जांच शुरु कर दी है.

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